लंका मीनार को बनवाने वाला शख्स कौन था क्या हुआ था जो कालपी में बनी
कालपी की लंका मीनार है दिल्ली की कुतबुमीनार के बाद देश की सबसे ऊंची मीनार
रावण का किरदार करने वाले शख्स ने बनवाई थी लंका मीनार।
*चोटी तक पहुंचने के लिए है सात परिक्रमा एक साथ भाई बहन को मीनार पर चढ़ने की अनुमति नहीं*
कालपी (जालौन)
देश में शायद ही कहीं आपने सुना होगा कि किसी का किरदार करने वाले शख्स ने अपनी पहचान बनाने के लिए कोई इमारत बनाई हो लेकिन जनपद जालौन के कालपी में रहने वाले एक शख्स ने अपने किरदार की भूमिका निभाते निभाते ऐसा कार्य कर दिया जिसे लोग आज भी याद करते हैं। कालपी के रहने वाले मथुरा प्रसाद निगम अपने जमाने में रावण का किरदार करने में इतने प्रसिद्ध हो गए थे कि लोग उन्हें उनके खुद के नाम से नहीं बल्कि रावण के नाम से पुकारते थे जिसको लेकर उन्होंने कालपी में लंका मीनार बनवा डाली।
दुनियां में ऐसी कई अजीबो गरीब जगह है जिनके बारे में सुनने के बाद आपका माथा खराब हो जाएगा !आज हम आपको एक ऐसी ही अजीबो गरीब जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी सच्चाई जानने के बाद आप के होश उड़ जाएंगे !उत्तर प्रदेश के जालौन जिले मे एक तहसील है जिसे कालपी के नाम से जाना जाता है !यहां एक मीनार है जिसे लंका मीनार कहा जाता है !इस मीनार में रावण और उनके परिवार के पुरे सदस्यों की मूर्तियां बनाई गई है! इस मीनार की ऊंचाई 210 फीट है जिसे मथुरा प्रसाद निगम नाम के शख्स नें 1,75000 रुपये खर्च कर बनवाया था !इस लंका मीनार का निर्माण इसी कलयुग में हुआ जिसे लेकर लोगों के दिमाग में तरह-तरह के सवाल रहते हैं !लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कोई रावण के लिए मीनार का निर्माण क्यों करवाएगा! जबकि महापंडित होने के बावजूद रावण ने सीता माता का अपहरण किया था !
इस मीनार से जुड़ी दो बेहद खास बातें हैं पहली बात यह है कि इस मीनार का निर्माण करने वाले मथुरा प्रसाद निगम रामलीला में कई सालों तक रावण का किरदार करते रहे जिसकी वजह से उन्हें असली नाम से कम रावण के नाम से ज्यादा जाना जाता था !
मथुरा प्रसाद निगम में साल 1857 में लंका मीनार को बनवाया था जिसे बनाने में 20 साल का समय लगा था! मीनार में एक मंदिर भी बना है जिसके पीछे की मुख्य वजह रही थी कि रावण भगवान शिव के भक्त थे ! इस मीनार की चढ़ाई करने में कुल सात परिक्रमा लगानी पड़ती है यही वजह है कि यहां किसी भाई बहन को नहीं आने की सलाह दी जाती है !लोगों का मानना है कि यहां किसी लड़की के साथ आने वाले लड़के के साथ फेरे हो जाते हैं! हिंदू रीति रिवाज के अनुसार किसी लड़की के साथ फेरे लेने वाला लड़का उसका पति माना जाता है। मीनार में कुंभकरण और मेघनाथ की बड़ी मूर्तियां भी स्थापित की गई है! कुंभकरण की मूर्ति 100 फीट ऊंची है वहीं मेघनाद की मूर्ति 65फीट की है !यहाँ भगवान शिव के साथ-साथ चित्रगुप्त की मूर्ति को भी देख सकते हैं ! इसके अलावा यहां 180 फीट लंबी नाग देवता और नागिन की मूर्ति को भी स्थापित किया गया है !बता दें रावण शिव का बड़ा भक्त था !लंका मीनार को लेकर एक आजाद मान्यता यह भी है कि यहां मीनार में भाई बहन एक साथ ऊपर नहीं जा सकते असल में मीनार के ऊपर जाने के लिए 7 परिकृमाओं को पूरा करना पड़ता है!जो भाई बहन द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता है यही कारण है की मीनार में एक साथ भाई-बहन नहीं जाते!
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