औरैया जिले के भीखापुर में रायफल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर रामवीर की हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की बात कही जा रही है। घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीण के अनुसार करीब 20 वर्ष पहले रामवीर सिंह राजावत के भाई कमल उर्फ कमलू ने अरुण उर्फ बबलू के भाई राजीव सेंगर(फौजी) की दीपावली के भाई दूज पर हत्या की थी।
दोनों एक ही गांव भीखापुर के रहने वाले थे। तभी से दोनों परिवारों के बीच रंजिश चली आ रही है। गांव के माहौल और भाई की हत्या के बाद अरुण अपने परिवार के साथ ब्रम्हनगर औरैया में रह रहा था। मगर उसके मन में भाई की हत्या को लेकर बदले की आग सुलग रही थी।
गांव के भोला सिंह की तेहरवीं पर अरुण अपने साथियों के साथ गांव पहुंचा था। इसी बीच उसकी नजर रामवीर पर पड़ी और वह आग बबूला हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों की माने, तो खाना खाने के दौरान ही अरुण ने रायफल से पांच गोलियां रामवीर के ऊपर दाग दी। इससे मौके पर उसकी मौत हो गई और वह भाग निकला।
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auraiya double murder - फोटो : अमर उजाला
भीखापुर से औरैया के ब्रम्हनगर तक रही दहशत भीखापुर गांव ठाकुरों का गांव है। यहां कई परिवारों में वर्षों से तनातनी चली आ रही है। गांव से कुछ परिवार गांव छोड़ कर औरैया रहने आ गए। इसमें अरुण उर्फ बबलू का परिवार भी शामिल है। सोमवार रात गोली कांड के बाद गांव में दहशत फैल गई। गांव से लेकर ब्रम्हनगर तक सन्नाटा व दहशत का माहौल दिखा।
अरुण के मारे जाने की फैली रही अफवाह घटना के बाद अरुण के साथ आए लोग भी भाग निकले। इस बीच एक ही युवक ग्रामीणों व परिजनों के हत्थे चढ़ा, जिसे भी लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला। मृतक का चेहरा बुरी तरह से कुचला गया था। इससे उसकी शिनाख्त भी नहीं हो सकी।
जिस जगह शव पड़ा मिला वहां भी पुलिस जाने से देर रात तक कतराती रही। मृतक काले रंग की जैकेट व डार्क आसमानी रंग का पैंट पहने हुए हैं। इस बीच कुछ लोगों में चर्चा रही कि मृतक अरुण है, मगर इसके किसी ने तस्दीक नहीं की। पुलिस मृतक की सही शिनाख्त कराने में जुटी है।
रेकी करने पहुंचे थे पहले दो युवक पुलिस ने दोहरे हत्याकांड के बाद गांव से जगमोहन व जगन्नाथ नाम के दो व्यक्तियों को पकड़ा है। बताया जा रहा है कि यही लोग रामवीर के तेहरवीं संस्कार में शामिल होने की रेंकी करने आए थे। पुलिस दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
गोलीबारी के बाद तेहरवीं संस्कार में मची भगदड़ विश्राम सिंह के घर के बाहर उनके दिवंगत पिता की तस्वीर रखी हुई थी। यहीं पर कुछ लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे। पास में कुछ लोग भोज में शामिल थे। काफी रिश्तेदार व ग्रामीण मौजूद थे। इसी बीच ताबड़तोड़ फायरिंग होने से कार्यक्रम में भगदड़ मच गई। महिलाएं चीख चिल्लाते हुए घरों की ओर भागी। कुछ के बच्चे बाहर रह गए।
रात भर छावनी बना रहा भीखापुर गांव रामवीर और हमलावरों के साथ एक युवक की हत्या के बाद एसपी चारु निमग, जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव, आईजी प्रशांत कुमार व दिबियापुर, औरैया, सहायल, फफूंद, बेला, अजीतमल थानों का फोर्स जा पहुंचा। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस के भी हाथपांव फूले नजर आए।
शिक्षामित्र के भाई कमलू का था दबदबा भीखापुर के ग्रामीणों ने दबी जुबान में घटना स्थल पर बताया कि रामवीर के बड़े भाई कमलू उर्फ कमल सिंह का क्षेत्र में दबदबा था। राजनीति से लेकर अपराधियों तक उसकी पकड़ थी। वह कई मामलों जेल भी जा चुके थे। अरुण की भाई की हत्या के बाद कमलू का नाम सुर्खियों में रहा।
देखते ही देखते सन्नाटे के साथ गांव में मातम छा गया दोहरे हत्यकांड से पहले गांव में चारो तरफ चहल पहल थी। लोग तेहरवीं संस्कार में शामिल होने के लिए आ जा रहे थे। जैसी घटना घटित हुए। इसके बाद देखते ही देखते गांव में सन्नाटे के साथ मातम छा गया।
फोरेंसिंक टीम ने एकत्र किए साक्ष्य एसपी चारु निगम ने रात में ही फारेंसिंक टीम बुलाई। किस तरह घटना को अंजाम दिया गया। टीम मृतक रामवीर व दूसरे मृतक के पास से साक्ष्य एकत्र किए। वहीं परिजनों से लेकर गांव के लोगों से घटना के पहले तक के माहौल व घटना के कारणों को लेकर बारीकी से छानबीन की गई।
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