क्रांतिवीर पं. गेंदालाल दीक्षित अर्पित किए श्रद्धासुमन
क्रांतिवीर पं. गेंदालाल दीक्षित अर्पित किए श्रद्धासुमन
भारत प्रेरणा मंच की अगुआई में जयकारे लगाते निकला लोगों का जत्था
औरैया। अमर क्रांतिवीर चंद्रशेखर आजाद द्वारा क्रांतिकारियों के द्रोणाचार्य' की उपाधि से विभूषित पं. गेंदालाल दीक्षित को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गये। भारत प्रेरणा मंच की अगुआई में निकले लोगों के जत्थे ने जमकर देशभक्ति के नारे लगाए। प्रमुख चौराहे पर स्थित पंडित गेंदालाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन किया गया।
जीएलडी चौराहा स्थित प्रतिमा पर श्रद्धाजंलि के दौरान मुख्यअतिथि समाजसेवी लालजी शुक्ल ने कहा कि क्रांतिवीर दीक्षित जी ने शहर के इतिहास को अपने शौर्य और पराक्रम से स्वर्णिम पहचान दी। उनकी प्रतिमा स्थापित कर उनके उपकारों को नगरक्षेत्र द्वारा नमन किया गया है। भारत प्रेरणा मंच के महासचिव अविनाश अग्निहोत्री ने कहा कि आगरा की वाह तहसील के गांव मई में 1888 में जन्मे दीक्षित जी ने शहर के तिलक इंटर कालेज (तत्कालीन झनी विद्यालय) में शैक्षिक सेवाएं देते हुए मातृवेदी संस्था की स्थापना की। आजाद, भगत सिंह,विस्मिल समेत बीहड़ के कुछ बागी भी उनके साथ जुड़े हुए थे। अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद सहीत सभी क्रान्तिकारियो ने इनको अपना गुरु मानते हुए द्रोणाचार्य की उपाधि दी थी । ब्रितानी सरकार ने उन पर ज़िंदा या मुर्दा पकड़वाने पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। 21 दिसम्बर 1920 को उन्होंने मातृभूमि को अंतिम प्रणाम किया। संचालन कर रहे भाप्रेम के अध्यक्ष अजय अंजाम व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार आनंद कुशवाहा ने भी दीक्षित जी के कार्यों पर प्रकाश डाला। कवि गोपाल पाण्डेय ने सभी का आभार व्यक्त किया। कैप्टन निर्भय सिंह गुर्जर, नरेन्द्र सिंह सेंगर, गिरेन्द्र सिंह परिहार, आनन्द नाथ गुप्ता, अनिल चौबे, सुरेन्द्र सिंह राजावत, कुंवर सिंह चौहान, सुरेश सेंगर, राजेन्द्र प्रसाद तिवारी, मनोज दुवे, चन्दू तिवारी, श्याम विहारी पाण्डेय सहित बड़ी संख्या पूर्व सैनिकों और शहर गणमान्य जनों ने पं॰ गेंदा लाल दीक्षित की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अप्रित की।
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