बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी से मिले रामपुरा ब्लॉक प्रमुख
रामपुरा क्षेत्र में बाढ़ पीड़ित ग्रामों की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी से प्रधानों संग मिले क्षेत्र पंचायत प्रमुख, स्थायी प्रबंधन के लिए ज्ञापन के जरिये दिये सुझाव
रामपुरा। । पिछले दिनों आयी बाढ़ में रामपुरा ब्लाक के कई गांवों में जन जीवन बर्बादी का शिकार हो गया है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब बाढ़ ने इस इलाके में तबाही का कहर ढ़ाया है। शनिवार को इसे लेकर रामपुरा के ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह ने कई प्रधानों के साथ जिलाधिकारी चांदनी सिंह से उनके कैम्प कार्यालय में भेंट की और लिखित ज्ञापन सौंपे। इनमें बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के महत्वपूर्ण सुझाव सम्मिलित किये गये हैं।
इस दौरान परमार्थ के निदेशक अनिल सिंह भी क्षेत्र पंचायत प्रमुख के साथ थे। जिन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत के लिए हाल ही में राशन किट का वितरण दर्जनों लोगों को कराया था। इसके बाद उन्होंने बाढ़ प्रभावित ग्रामों का विशेषज्ञों से विशेष अध्ययन कराकर इसके कारणों के निवारण के लिए उनकी सम्मति एकत्रित की। क्षेत्र पंचायत प्रमुख के ज्ञापन में इसका समावेश है।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख ने जिलाधिकारी से कहा कि जुहीखा घाट पर पुल बनने के बाद से यमुना नदी का बहाव डायवर्ट हो गया है जिसमें ग्राम बेरा, हिम्मतपुर और गुढ़ा आदि ग्रामों की सैकड़ों बीघा कृषि योग्य भूमि यमुना नदी में समाहित हो गई है। निरंतर भूमि कटाव के कारण उक्त गांव कई बार विस्थापित हो चुके हैं।
इन ग्रामों में स्थायी राहत के लिए नदी के किनारे पक्के तटबंधों के निर्माण की मांग उन्होंने की जिसे पर जिलाधिकारी ने सिचाई विभाग से स्टीमेट तैयार कराने का आश्वासन उन्हें दिया है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख ने बाढ़ में ऐतिहासिक धार्मिक स्थल पचनद धाम में यमुना की बाढ़ के कारण बढ़ते भूमि कटाव के चलते पीपल के धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पुण्य वृक्ष और बाबा साहब के मंदिर जैसी धरोहरों की क्षति की जानकारी भी डीएम को दी जिसे डीएम ने बेहद गंभीरता से लिया है। केन्द्रीय जल आयोग के माध्यम से पचनद क्षेत्र में बाढ़ पूर्वानुमान केन्द्र की स्थापना, क्षेत्र की निचली सड़कों का नये सिरे से ऊंचाई के साथ निर्माण, बाढ़ प्रभावित ग्रामों में बीमारी फैलने से रोकने के निवारक उपायों को अपनाये जाने व हैंडपंप और शौचालय को ऊपर शिफ्ट करने की मांग उन्होंने की। जिलाधिकारी को यह भी अवगत कराया कि मींगनी विद्युत केन्द्र से बाढ़ प्रभावित ग्रामों में विद्युत आपूर्ति को बारिश के समय से लगातार व्यवधानित किये जाने के चलते जन जीवन की मुसीबतें बढ़ रही हैं। इस पर जिलाधिकारी ने उनके सामने ही विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशाषी अभियंता से फोन पर बात करके स्थिति ठीक करने के निर्देश दिये। प्रधानों में गुढ़ा बेड़ा के नरसिंह सेंगर, मिर्जापुरा जागीर की चन्द्रवती पाल, सुल्तानपुर जागाीर की श्रीमती संगीता, निनावली जागीर के विकास कुमार, नरौल की श्रीमती मायावती, बिल्हौड़ के भौदल सिंह, जायगा के सौरभ सिंह, भिटौरा कंजौसा की श्रीमती रेखा देवी, महटौली के शिववरण सिंह, हिम्मतपुर के सत्येन्द्र राठौर व मई की प्रभा देवी प्रमुख रूप से साथ थी।
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