औरैया में कार्यशाला का आयोजन:गांवों की विरासत को सहेजने के किए संस्कृति मंत्रालय ने की पहल, सर्वे के लिए प्रशिक्षण
औरैया में कार्यशाला का आयोजन:गांवों की विरासत को सहेजने के किए संस्कृति मंत्रालय ने की पहल, सर्वे के लिए प्रशिक्षण
कल्चरल सर्वे के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
कल्चरल सर्वे के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
"मेरा गांव मेरी धरोहर"
उत्तरप्रदेश न्यूज़ 21 बृजमोहन सिंह संवाददाता औरैया:
भारत सरकार गांव की विरासत सहेजेगा। इसकी तैयारी की जा रही है। यह दायियित्व कला एवं संस्कृति मंत्रालय को दी गई है। मंत्रालय, विकसित की गई मोबाइल एप के जरिए साइट पर गांवों की विरासत और जुड़ी सभी तरह के तथ्यों को सहेजेगा।सोमवार को जिला मुख्यालय में इसकी प्रशिक्षण सीएससी संचालकों को दी गई। यह प्रशिक्षण प्रखंडवार संचालकों को दी जा रही है। जिसमे आंकड़े भरे जाने की जानकारी दी गई। जिसमें गांव की विशेषता, वहाँ की विशेष व्यंजन, खास पहचान, गांव के मानिंद लोग, प्रचलित पहनावा की जानकारी इकठा की जाएगी।
*जिला मुख्यालय में "मेरा गांव मेरी धरोहर"वी एल ई को दिया गया प्रशिक्षण*
खास यह कि ये सब जानकारियां स्थानीय लोगो से इकठा की गई सूचनाओं पर आधारित होंगी।बताया गया है कि मंत्रालय, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की कंपनी सीएससी के समन्वय से यह कार्य करेगी। मंत्रालय की ओर से खासतौर पर एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित की जा चुकी है। जिसके जरिए सीएससी संचालक गांव में जा जाकर संबंधित गांव की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी तथ्यों को मोबाइल एप्लीकेशन में एंटर करेंगे।प्रशिक्षण के बाद कर्मी गांव के बुजुर्गों से बातचीत कर भी उनके फीडबैक को रखेंगे।
संबंधित फोटो व अन्य दस्तावेज भी लोगों से लेकर ऐप पर दर्ज होगी
बताया गया है कि इसके अलावा उससे संबंधित फोटो अन्य दस्तावेज भी लोगों से लेकर ऐप पर दर्ज की जाएगी।सर्वेक्षण के बारे में जानकारी देते हुए सीएससी के जिला प्रबंधक आनंद सोनी,अभिषेक कुमार व कार्यक्रम समन्वयक अनुज कुमार ने बताया कि मंत्रालय की ओर से विशेष मोबाइल ऐप विकसित की जा चुकी है। सीएससी संचालकों के जरिए गांव गांव जाकर लोगों की प्रतिक्रियाएं और उनसे हासिल फोटो और अन्य दस्तावेज भी पर अपलोड किए जाएंगे।
हर गांव की सांस्कृतिक धरोहर को मोबाइल ऐप में दर्ज करने को सीएससी के साथ करार
मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने हर गांव की सांस्कृतिक धरोहर को मोबाइल ऐप में दर्ज करने के लिए सीएससी के साथ करार किया है।देश में पहली बार किए जा रहे इस अभियान को “मेरा गांव, मेरी धरोहर” नाम दिया गया है। कॉमन सर्विस सेंटर, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एक इकाई है।
जो देश भर में चार लाख से अधिक सेंटर संचालित करता है। इस अभियान के तहत देश के हर गांव, ब्लॉक, जिला स्तर पर वहां की संस्कृति की पहचान और धरोहर को दर्ज किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय लोगों से बातचीत की जाएगी। जिसमें वे अपने गांव की खासियत को दर्ज कराएंगे।
*ग्रामीण बताएंगे उनकी गांव की विरासत*
सर्वे के दौरान लोगों से यह पूछा जाएगा कि उनके गांव की खास पहचान क्या है। उनके गांव की कोई खास सांस्कृतिक पहचान है तो उसे संबंधित कोई कहानी फोटो दस्तावेज भी उपलब्ध कराएं। जिससे उनके गांव की धरोहर को इतिहास में दर्ज करने का कार्य किया जा सके। इसके साथ ही उनसे उनके गांव के प्रसिद्ध स्थान, प्रसिद्ध किंवदंती, प्रसिद्ध व्यक्तियों को लेकर भी जानकारी हासिल की जाएगी। इसके समर्थन में वीडियो दस्तावेज फोटो भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
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