भाजपा के स्थापना दिवस समारोह बिधूना में-जिले के तीन प्रमुख दलित नेताओं को नजर अन्दाज करना बना चर्चा का विषय
भाजपा के स्थापना दिवस समारोह बिधूना में-
जिले के तीन प्रमुख दलित नेताओं को नजर अन्दाज करना बना चर्चा का विषय
इटावा सांसद , जिलापंचायत अध्यक्ष औरैया एवं सदर विधायक औरैया की तस्वीरों को होर्डिंग एवं आमंत्रण पत्र में नहीं दी गयी जगह।
भाजपा जिलाध्यक्ष औरैया भी हैं जिम्मेदार,दलित विरोधी मानसिकता से ग्रसित
बिधूना औरैया
आज बिधूना में आयोजित भाजपा के स्थापना दिवस समारोह कार्यक्रम की तैयारियाँ पिछले कुछ दिनों से चल रही थी जिसको लेकर पहले तो आमंत्रण पत्र और बाद में होर्डिंग भी बनीं चर्चा का विषय ।
बिधूना के रामलीला मैदान में आयोजित भाजपा स्थापना दिवस कार्यक्रम में औरैया जनपद के जिलापंचायत अध्यक्ष कमल सिंह दोहरे की तस्वीर कार्ड पर नहीं छपी तो वहीं औरैया सदर विधायक गुङिया कठेरिया की फोटो भी कार्ड से गायब है जबकि इटावा के सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार प्रो रामशंकर कठेरिया की फोटो तो कार्ड में छपी है लेकिन उपयुक्त स्थान नहीं दिया गया। जिसको लेकर चर्चाएं जोरों पर थी और फिर रही सही कसर गत रात्रि में लगाई गयी होर्डिंग बैनर ने पूरी कर दी । जिसमें न तो जिला पंचायत अध्यक्ष औरैया और न ही सांसद इटावा की फोटो छपवाई गयी, हालांकि जब यह बात चर्चा में आई तो 1- 2 होर्डिंग में सांसद इटावा की फोटो लगी हुई भी लगवाई गयीं लेकिन जिलापंचायत अध्यक्ष को बिल्कुल ही किनारे कर दिया गया और न ही होर्डिंग और न ही सदर विधायक औरैया की तरह कार्ड पर जगह मिली । जानकारों ने बताया कि यह सब एक रणनीति के तहत भाजपा के एक स्वघोषित बङीअम्मा के इशारे पर किया गया। और जानबूझकर जनपद के तीन प्रमुख दलित नेताओं सांसद इटावा, जिलापंचायत अध्यक्ष औरैया एवं सदर विधायक औरैया को कार्यक्रम से दूर रखने के साथ ही इस तरह का कार्य किया गया। जो स्वच्छ राजनीति के हिसाब से गलत संदेश छोङता है। इन सब कारणों से कार्यक्रम में संख्यात्मक उपस्थिति पर भी असर पङा।
भाजपा के ही कार्यक्रम में भाजपा के दलित नेताओं के साथ सौतेला व्यवहार बहुत से प्रश्नों को जन्म देता है। वो भी उस वक्त जब उस कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष मौजूद रहे हों जानकारों का मानना है कि इसमें जिलाध्यक्ष की भी मूकसहमति रही है। नहीं तो जिस तरह भाजपा के अन्य आने वाले नेताओं ने कन्नी काट ली इस तरह की जानकारी के चलते तो वही जिलाध्यक्ष की उपस्थिति और इस गम्भीर विषय पर कोई चर्चा न करना यह दर्शाता है कि जिले के मठाधीश भी साजिश में शामिल हैं। भाजपा के किसान मोर्चा जिला उपाध्यक्ष कुलदीप कठेरिया पूर्व मण्डल अध्यक्ष ने बताया कि औरैया भाजपा जिलाध्यक्ष पूरी तरह दलित विरोधी मानसिकता से ग्रसित है। जिसके चलते इनके द्वारा जिलापंचायत की सभी सातों आरक्षित सीटों पर
पार्टी के जिताऊ कार्यकर्ताओं की जगह रुपए लेकर हारने वाले प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे परिणामस्वरूप 6 सीटें भाजपा हारी और एक जीती जो वर्तमान में जिलापंचायत अध्यक्ष औरैया हैं शायद जिलाध्यक्ष को एक सीट जीतना पसन्द नहीं आया शायद इसलिए इस तरह की साजिश में शामिल रहते हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष पूरी तरह दलित विरोधी मानसिकता का शिकार हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष के इस तानाशाहीपूर्ण एवं दलित विरोधी रवैए के चलते ही पार्टी जनपद में 2 विधानसभा सीटें भी हारी है। उन्होंने कहा कि जनपद में भाजपा कार्यकर्ताओं में गुटबाजी को बढावा देने के सीधे रूप से जिम्मेदार भाजपा जिलाध्यक्ष हैं । आज बिधूना के कार्यक्रम में जनपद के वरिष्ठ दलित नेताओं की अनदेखी के लिए जिलाध्यक्ष पूर्णरूप से जिम्मेदार हैं।शीर्षनेतृत्व को संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए ।
ज्ञातव्य हो कि विधानसभा चुनाव में सपा मुखिया के अतिकरीबी बिधूना विधानसभा के पूर्व सपा विधायक प्रमोद कुमार गुप्ता भाजपा में शामिल हो गये थे। और आज आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम उनके ही द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल, सांसद भोले सिंह,पूर्व मंत्री लाखन सिंह राजपूत, शिवकुमार बेरिया, अर्चना पाण्डेय, विधायक सरिता भदौरिया, कैलाश राजपूत समेत बहुत से नेताओं ने कार्यक्रम में भाग नहीं लिया जिससे कार्यक्रम को पूर्ण सफल भी घोषित नहीं किया जा सकता। अब देखते हैं भविष्य में भाजपा के कार्यकर्ताओं को इन सबसे क्या मिलेगा और जनपद में कितना मजबूत होगा भाजपा संगठन ये तो आने वाला कल ही बताएगा लेकिन यह तो निश्चित है कि जिलाधीश बदलना अब जरुरी है और संगठन को एक अच्छी ओवरहालिंग की जरुरत है। इन जिम्मेदारों को ये भी समझना चाहिए कि "ताकत , सत्ता और जवानी कुछ भी स्थायी नहीं रहता सबकी एक्सपायरी डेट आती है। ""
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