आखिर कब और कैसे बंद होगा पछैया बस्ती में अवैध शराब का गोरखधंधा
*आखिर कब और कैसे बंद होगा पछैया बस्ती में अवैध शराब का गोरखधंधा?*
*कई दशक से फल फूल रहा है कच्ची शराब का कारोबार, अनगिनत हो चुकी मौतें*
*औरैया।* बहुचर्चित मोहल्ला बनारसीदास स्थित पछैया बस्ती में अवैध शराब का कारोबार कई दशक से फल फूल रहा है। इस बस्ती की शराब पीने से अनगिनत मौतें हो चुकी हैं। वहीं प्रशासन समय-समय पर छापामार कार्रवाई करते हुए लहन नष्ट करने के साथ शराब बरामद कर इतिश्री कर लेती है। लेकिन इस गोरखधंधा को बंद कराने के लिए कोई भी कारगर कदम नहीं उठाए गये हैं। जिसके चलते अवैध शराब का गोरखधंधा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। देखना होगा कि पछैया बस्ती में चल रहे कच्ची अवैध शराब बनाने का गोरखधंधा कब और कैसे समाप्त होगा? यह भविष्य के गर्त में है।
शहर के मोहल्ला बनारसीदास स्थित बहुचर्चित पछैया बस्ती में अवैध शराब का गोरखधंधा व्यापक तौर पर फैला हुआ है। इस बस्ती में शायद ही कोई घर हो जहां पर कच्ची शराब बनाने का कारोबार नहीं चल रहा हो। इस बस्ती की शराब अंग्रेजी एवं देशी शराब की अपेक्षाकृत सस्ती होने के कारण मजदूर एवं गरीब तबके के लोग इसका सेवन करते चले आ रहे हैं। इसके साथ ही इसका दुष्प्रभाव नव युवकों पर भी पड़ रहा है। इस बस्ती की शराब का सेवन करने से अभी तक अनगिनत मौतें हो चुकी हैं। इसके बावजूद शासन व प्रशासन उक्त बस्ती में चल रहे गोरखधंधे पर लगाम लगाने में विफल साबित हुआ है। समय-समय पर आबकारी विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा उपरोक्त बस्ती में छापामार कार्यवाही की जाती है। इसके साथ ही लहन नष्ट करने के अलावा कुछ लीटर शराब बरामद कर इतिश्री कर ली जाती है। इस गोरखधंधे को बंद कराने के लिए शासन व प्रशासन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए गये हैं। जिसके कारण इस कच्ची शराब के कारोबार पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है, और लोग शराब का सेवन करने के बाद काल कल्वित भी हो रहे हैं। इतना ही नहीं इस बस्ती के बाशिंदे विभिन्न प्रांतों में बड़ी- बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। कई प्रांतों की पुलिस भी बस्ती के लोगों को गिरफ्तार करने के लिए आ चुकी है। शहर के संभ्रांत , वरिष्ठ , बुद्धिजीवी एवं गणमान्य नागरिकों ने उपरोक्त बस्ती में चल रहे अवैध शराब के गोरखधंधे को बंद कराए जाने के लिए शासन व प्रशासन से मांग की है। देखना है कि इस बस्ती में चल रहा अवैध शराब का यह कारोबार कब और कैसे बंद होगा? यह एक शासन व प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती है। वहीं आम जनता के बीच यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
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