औरैया यूक्रेन से वापस पहुंचा दिव्यांशु बताए हालात कैसे वीते वह दिन कैसे मिली मदद कैसे पहुँचे भारत
औरैया यूक्रेन से वापस पहुंचा दिव्यांशु बताए हालात कैसे वीते वह दिन कैसे मिली मदद कैसे पहुँचे भारत
स्थान-:-औरैया
रिपोर्ट-: बल्लू शर्मा
औरेया के दिव्यांशु पहुचे यूक्रेन से अपने घर औरैया तिलक नगर
दिव्यांशु के माता पिता ने दिव्यांशु को सुरक्षित देख कर उतारी आरती किया तिलक खुशी की जाहिर ।
दिव्यांशु MBBS की पढ़ाई करने गया था यूक्रेन प्रथम वर्ष का था छात्र ।
दिव्यांशु ने बताया कैसे रूस के सैनिक नही
दिव्यांशु ने बताए वहाँ रूस के सैनिकों द्वारा भारतीय नागरिक को नही छेड़ा जा रहा है।अदर कंट्री के लोगों को काफी परेशान किया जा रहा ।
और भी बताए कई रहस्य।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद वहां रह रहे भारतीय छात्र-छात्राओं में अपने घर वापस लौटे औरैया निवासी दिव्यांशु ने वहां की हकीकत बयां करते हुए कहा कि यूक्रेन में युद्ध के उस दौर को हम जिंदगी भर नहीं भूल सकेंगे। दिव्यांशु शेखर ने बताया भारतीय दूतावास के माध्यम से पूरी सुरक्षा के साथ उन्हें घर तक पहुंचाया गया। इसके लिए वह उनका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं। साथ ही उन्होंने भारत सरकार से वहां रह रहे अन्य छात्र-छात्राओं को भी जल्द से जल्द भारत वापस लाए जाने की अपील की है।
शहर के मोहल्ला तिलक नगर निवासी दिव्यांशु शेखर पुत्र हरीश नरायण त्रिपाठी जो यूक्रेन में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्र हैं।दिव्यांशु शेखर ने वहां के हालात के बारे में बताया रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ तो शुरूआत में एक दिन कुछ समझ में ही नहीं आया न ही ऐसी स्थिति लग रही थी। लेकिन उसके बाद दूसरे ही दिन से वहां के हालात लगातार खराब होने लगे।
भारत सरकार की ओर से उन्हें बाहर निकालने के लिए सभी इंतजाम कर दिए गए। 27 फरवरी की सुबह 9 बजे वह ओजोर्ड से ओजोर्ड नेशनल यूनिवर्सिटी के सभी छात्र-छात्राओं को सुरक्षित जगह पर एकत्रित किया गया। जिसमें 250 छात्र-छात्राओं को 50-50की संख्या में बस के जरिए यूक्रेन का बार्डर पार कराकर सुरक्षित हंगरी पहुंचाया गया। वहां पर हम लोगों को भारतीय दूतावास की बस खड़ी मिली। दिव्यांशु ने वताया कि हंगरी तक का सफर तय करने में सभी डरे हुए थे। पता नही कब क्या हो जाए किसी को पता नहीं था। हर एक पल यह लग रहा था कि कहीं कोई अटेक उन लोगों के पास न हो जाए। एक एक रात बड़ी मुश्किल से कट रही थी। इन सबके बीच उन लोगों को बस में भारत का राष्ट्रीय ध्वज और नोटिस चस्पा कर भारतीय दूतावास तक पहुंचाया गया। तब जाकर सुरक्षित महसूस किया। भारतीय दूतावास की तरफ से पूरी सुरक्षा के इंतजाम कर भारतीय छात्र-छात्राओं को सुरक्षित निकालने में पूरी सक्रियता बरती जा रही है।
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