औरैया में सफाई कर्मचारियों का नगर पालिका ने मुंह मोड़ा,जानिए कारण
औरैया शहर को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है वह अपनी सेहत को दांव
उत्तरप्रदेश न्यूज़21 संवाददाता , औरैया: शहर को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है, वह अपनी सेहत को दांव पर लगाकर इस काम को कर रहे है। नगर पालिका की ओर से केवल हाथ में झाड़ू व फावड़ा थमाया जा रहा है। न ही ग्लव्स है और न चेहरे को ढकने के लिए मास्क, पैरों में सेफ्टी गार्ड वाले जूते भी नहीं। ऐसे में जहां स्वच्छ भारत अभियान के मानक ताक पर हैं वहीं सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी हो रहा है।
जिन्हें सरकार ने कोरोना योद्धा का दर्जा दिया। कोरोना काल में जिनकी भूमिका को लोगों ने स्वीकारा। उन्हीं की सेहत से नगर पालिका खिलवाड़ कर रही है। स्वच्छ भारत मिशन के मानकों के तहत निकायों को सफाई मित्र चैलेंज के तहत कर्मियों को टूल किट देनी चाहिए। सफाई कर्मियों को काम के दौरान संक्रमण से बचाव के संसाधनों से लैस होना चाहिए। जिसके लिए स्वच्छता के मानक निर्धारित है। इसमें प्रमुख तौर पर मास्क, वर्दी, ग्लव्स, सेफ्टीगार्ड के तौर पर जूते समेत अन्य सामग्री शामिल है। कागजों में कोरम पूरा करते हुए सफाई कर्मियों की सेहत के साथ खिलवाड़ होने के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन के सफाई मित्र चैलेंज को चुनौती दी जा रही है। वाहनों की खरीद में लाखों खर्च करने वाली नगर पालिका सफाई कर्मियों को 'मित्र चैलेंज' के तहत जरूरी संसाधन उपलब्ध नहीं करा पा रही है। नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी बलवीर सिंह ने बताया कि समय-समय पर मास्क, ग्लव्स समेत जूते मुहैया कराए जाते है।
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क्या है सफाई मित्र चैलेंज
स्वच्छ भारत मिशन में निकायों को सफाई कर्मियों को बेहतर सुविधा देते हुए स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने के मानक निर्धारित किए गए है। जिसमें सफाई कर्मियों को समय-समय पर जरूरी सामानों की किट मुहैया निकायों से मुहैया कराई जानी चाहिए। इसमें उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए मास्क, ग्लव्स के अलावा बूट, सैनिटाइजर आदि जरूरी सामान शामिल हैं।
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