_डेंगू बुखार से कई लोग समय-समय पर ग्रसित होते रहते हैं. मॉनसून के सीजन में डेंगू का बुखार बहुत तेजी से फैलता है,
*औरैया 01 सितम्बर 2021* - _डेंगू बुखार से कई लोग समय-समय पर ग्रसित होते रहते हैं. मॉनसून के सीजन में डेंगू का बुखार बहुत तेजी से फैलता है, इसलिए आपको डेंगू बुखार के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में कुछ जरूरी बातें अवश्य पता होनी चाहिए। डेंगू मच्छर के काटने से होने वाले बुखार से वैसे तो हर कोई वाकिफ है।सीएमओ ने डेंगू मलेरिया के लक्षणों के संबंध में जानकारी देते हुए आम जनमानस को उसके बचाव के संबंध में जानकारी दी है। इस बुखार के दौरान मरीज के जोड़ों में दर्द और सिर में भी दर्द रहता है। साथ ही प्लेटलेट्स काफी कम हो जाते हैं।
*डेंगू मच्छर कैसा होता है और इसका वायरस किस तरह फैलता है?*
डेंगू बुखार एक प्रकार के मच्छर के काटने से होता है. मच्छर एक वैक्टर है और इसके द्वारा फैलने वाली बीमारी को मच्छर जनित रोग कहते हैं. डेंगू सभी मच्छरों के काटने से नहीं फैलता है. संक्रमित एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस नामक मादा मच्छर के काटने से यह फैलता है. एडीज मच्छर के शरीर पर काले व सफेद रंग की पट्टियाॅ होती हैं. यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय ही काटते हैं. डेंगू का मच्छर साफ व स्थिर पानी में पनपता है. अगर किसी व्यक्ति को डेंगू का संक्रमण है और एडिज मादा मच्छर उस संक्रमित व्यक्ति से खून पीता है तो मच्छर में डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है. यह संक्रमित मच्छर जब किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति डेंगू के वायरस से संक्रमित हो जाता है।
*डेंगू मच्छर कहां पाया जाता है।*
मानव निर्मित बर्तन, पानी की टंकी, रूम कूलर, फूल दान, टूटी फूटी बोतलें, नारियल का खोल, गमले, टंकी के ढक्कन, पुराने टायर्स व डिब्बे आदि यहां तक कि पत्तियों में भी अगर एक सप्ताह तक पानी ठहरा जाता है तो यह मच्छर आसानी से पनप सकता है. अधिकतर यह मच्छर घर के अंदर ही रहता है और दिन के समय काटता है। ऐसी जगह पर पानी बिल्कुल भी ना रुकने दें।_
*डेंगू बुखार के लक्षण*
ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना. इसी कारण इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते है. आंखों के पिछलेे भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है. अत्याधिक कमजोरी लगना, भूख न लगना, गले में दर्द होना, शरीर पर लाल चकते आना, साधारण डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5-7 दिन तक रहती है और रोगी स्वयं ठीक हो जाता है. अगर साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षणों में से एक भी लक्षण प्रकट होता है. त्वचा पर गहरे नीले काले रंग के छोटे या बडे़ चिक्कते पड़ जाना, नाक, मसूढों से खून आना आदि रक्स्राव (हैमरेजिक बुखार) के लक्षण हैं. इस प्रकार के डेंगू बुखार में हैमरेजिक बुखार के लक्षणों के साथ कुछ और लक्षण भी प्रकट हो जाते हैं. जैसे रोगी अत्यधिक बेचैन हो जाना और तेज बुखार के बावजूद भी उसकी त्वचा ठंडी महसूस होती है. रोगी धीरे-धीरे होश खोने लगता है. अगर रोगी की नाड़ी देखी जाए तो वह तेज और कमजोर महसूस होती हैं. रोगी का रक्तचाप कम होने लगता है।_
*डेंगू बुखार का इलाज*
साधारण डेंगू बुखार खुद ठीक होने वाला रोग है. इसका उपचार लक्षणों के आधार पर ही किया जाता है. बुखार के लिए पेरासिटामोल की गोली ही सुरक्षित है. रोगी डिस्प्रिन/एस्पिरिन कभी न दें. सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें व अधिक पानी पिलाए, रोगी को आराम करने दें. अगर रोगी में डेंगू या हैमरेजिक बुखार, डेंगू शॉक सिंड्रोम की ओर संकेत करने वाला एक भी लक्षण प्रकट होता नजर आए तो रोगी को जल्द निकटतम अस्पताल में ले जाए. ताकि वहां आवश्यक परीक्षण करके रोग का सही उपचार किया जा सकें. डेंगू हैमरोजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम पर डॉक्टर की राय लें।
आपकी जानकारी के लिए घर में भी कुछ ऐसी असरदार चीजें मौजूद हैं जो इस बीमारी से लड़ने में आपकी मदद कर सकती हैं।_
_1- डेंगू के बुखार से राहत पाने के लिए नारियल पानी खूब पिएं। इसमें मौजूद जरूरी पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और एलेक्ट्रोलाइट्स शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता।_
_तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में उबाल लें और फिर इस पानी को पिएं। ऐसा करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है। इसे दिन में चार बार पी सकते हैं।_
_3- डेंगू बुखार में मेथी की पत्तियां उबालकर चाय बनाकर पिएं। ऐसा करने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और डेंगू का वायरस दूर होता है।_
_4- पपीते के पत्ते भी काफी असरदार हैं। इसमें मौजूद पपेन शरीर के पाचन को सही रखता है। इसका जूस पीने से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं।_
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