एक सितम्बर से 30 सितंबर तक मनाया जाएगा राष्ट्रीय पोषण माह
गृह भ्रमण कर आंगनवाड़ी पोषण का पाठ पढ़ाएगीं
इटावा।महिला व बाल विकास मंत्रालय व पोषण अभियान के तहत हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जनपद में 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। पोषण माह में गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें कुपोषण की श्रेणी से निकालने के लिए स्वास्थ्य सुधार के लिए पोषण माह में विशेष गतिविधियों द्वारा जन जागरूकता और पोषक तत्व की महत्वता को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का इतिहास
पोषण शिक्षा के द्वारा अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1982 में केन्द्रीय सरकार द्वारा पहली बार इस अभियान की शुरुआत की गयी क्योंकि राष्ट्रीय विकास के लिये मुख्य रुकावट के रुप में कुपोषण है इसलिए कुपोषण से बच्चों महिलाओं और समाज को बचाने के लिए सितंबर माह में पोषण माह अभियान के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है। जिससे लोग अपने आहार में संतुलित और पौष्टिक भोजन की प्रासंगिकता को समझें और संतुलित आहार को भोजन का प्रमुख हिस्सा बनाते हुए स्वस्थ और सशक्त भारत के निर्माण में सहायक बनें।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश यादव ने बताया बच्चों, किशोरियों धात्री और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए सितंबर माह में जनपद की हर आंगनवाड़ी गृह भ्रमण कर पौष्टिक भोजन और पोषण वाटिका को विकसित कर पौधे लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेंगी। भोजन में किस तरह से पोषक तत्व का समावेश हो इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगी।
उन्होंने बताया 0 से 5 वर्ष तक के बच्चे के पोषण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। कुपोषित सैम, मैम श्रेणी में बच्चों को चिन्हित कर सीएचसी ,पीएचसी पर बच्चों का संवर्धन किया जाएगा ।समय-समय पर कुपोषित बच्चों को चिकित्सीय देखरेख के साथ-साथ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
डीपीओ ने बताया जनपद की गौशाला में दुधारू गायों को चिन्हित कर उनके दूध से कुपोषित बच्चों को दूध का इंतजाम किया जाएगा। इस संदर्भ में जिला स्तर पर पशु चिकित्सक अधिकारी और गौशाला समितियों से समन्वय भी स्थापित किया जाएगा।
1 सितंबर से 30 सितंबर तक 4 चरणों में बेसिक थीम पर मनेगा पोषण माह
डीपीओ ने बताया प्रथम सप्ताह में जनपद ने सरकारी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों आवासीय स्कूलों ग्राम पंचायतों की अतिरिक्त भूमि पर पोषण वाटिका की स्थापना हेतु पौधारोपण अभियान चलेगा।
द्वितीय सप्ताह में बच्चों किशोरीयों, बालिकाओं गर्भवतीयों को योगा के प्रति जागरूक किया जाएगा।
तृतीय सप्ताह में पोषण संबंधी प्रचार-प्रसार सामग्री और पुष्टाहार वितरण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की आहार विधियों को प्रसारित किया जाएगा।
चौथे सप्ताह में सेम मैम बच्चों को चिन्हित करने हेतु अभियान चलाया जाएगा
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