इस मजरे में कोरोना की नो-एंट्री......
रुरुगंज (औरैया): कोरोना संक्रमण शहरों के साथ गांवों में भी फैल रहा है। कुछ जागरूक हैं तो कुछ नहीं। जो जागरूक नहीं हैं, उनके लिए बिधूना विकासखंड की ग्राम पंचायत कुसमरा का मजरा कोठी सबक है। करीब 350 की आबादी वाले इस मजरे में कोरोना की नो-एंट्री है। क्योंकि, समय रहते ग्रामीणों ने खुद को जागरूक रखते हुए अपनों को जागरूक किया। जबकि, इस पंचायत में आने वाले चार और मजरे कुसमरा, पुरवा गुमानी, पुरवा मुनूसहा व कटरा में कोरोना पॉजिटिव केस करीब 25 हैं। जागरूक रहकर औरों को सजग रख पंचायत के सभी मजरों में यह मजरा नजीर बना हुआ है। जागरूक ग्रामीण हर दिन 'नो-कोरोना' कहते हैं। जिले में एक पालिका परिषद व छह नगर पंचायत हैं।
दो तहसील, सात ब्लाक और 848 गांव हैं। छह पंचायतों में बिधूना ब्लाक की ग्राम पंचायत कुसमरा का मजरा कोठी कोविड काल में पूरी तरह से 'निगेटिव' है। इसके पीछे का कारण गांव का हर घर कोरोना से दूर हैं। इसके लिए ग्रामीणों ने जागरूक रहकर कोविड का संक्रमण गांव तक पहुंचने से पहले सख्त नियमों का बैरियर सीमाओं पर लगा दिया। आने-जाने वाले लोगों पर वह नजर रख रहे। हर 500 मीटर पर दो बांस के बीच बाजरी बिछा बैरियर बनाया है। गांव आने वाले लोग बैरियर से पहले रुकते है, स्वस्थ होने का प्रमाण मिलने के बाद ही उन्हें जाने दिया जाता है। दुग्ध वाहन व दूधवालों को भी गांव के बाहर रोककर दूध पहुंचाया जाता है। इसी सावधानी के जरिये पूरा गांव कोरोना से निगेटिव है। गांव के डाकघर में तैनात लाल सिंह का कहना है कि कोविड की पहली लहर में लोगों से संक्रमण से रोकथाम के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई थी। सबकी सहमति मिलने पर गांव में किसी नाते-रिश्तेदार सहित बाहरी व्यक्ति के आने पर पाबंदी लगा दी गई थी। जिस कारण पिछले वर्ष भी पूरे लॉकडाउन में गांव सुरक्षित रहा था। इस बार भी पुराने नियम लागू हैं।जिले पर एक नजरसात ब्लाक में औरैया, अजीतमल, भाग्यनगर, सहार, बिधूना, अछल्दा, एरवाकटरा। नगर पंचायत में दिबियापुर, फफूंद, अटसू, अजीतमल, अछल्दा, बिधूना।
जनसंख्या: 1379545
पुरुष: 740040
महिला: 639505
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बोले ग्रामीण..
गांव के अध्यापक अनुज कुमार ने बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक रहना हैं। शासन की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। बहुत जरूरी कार्य होने पर ही बाहर निकला जाता है। (फोटो-2)
इनसेट-----
गांव के अजय सिंह बताते है कि बात यह नहीं है कि जबरन बाहर से आने वालों को रोका जाए, इसमें प्रवासी भी शामिल है। सभी को सूचित किया जाता है कि जो प्रवासी हैं वह होम क्वारंटाइन का नियम अपनाए।वृद्ध रामसनेही का कहना है कि संक्रमण का दौर चल रहा है, इससे बचाव के कारण ही बचा जा सकता है, गांव में सभी घरों को पहले ही आने जाने वालों से न मिलने के बारे में कहा जा चुका है। जागरूक रहेंगे तभी बचेंगे। इनसेट....
वृद्ध राजरानी देवी बताती हैं कि गांव वालों की सजगता के साथ भगवान की भी कृपा है। इस गांव में कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं। इसीलिए सभी लोग मिलकर सावधानी बरत रहे है। ये संक्रमण बेहद खतरनाक है।
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