हजारों मतदाताओं को पता ही नहीं था कि उन्हें अंगूठा लगाना है या मुहर। मतगणना के दौरान हर ब्लाक में हजारों वोट ऐसे निकले, जिनमें अंगूठा लगा पाया गया।
उत्तर प्रदेश न्यूज21
औरैया:जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जागरुकता का अभाव भी सामने आया है। हजारों मतदाताओं को पता ही नहीं था कि उन्हें अंगूठा लगाना है या मुहर। मतगणना के दौरान हर ब्लाक में हजारों वोट ऐसे निकले, जिनमें अंगूठा लगा पाया गया। निर्वाचन विभाग के नियमों के तहत ऐसे मतपत्रों को निरस्त कर दिया गया। इससे नजदीकी अंतराल से हार-जीत वाले प्रत्याशियों के अरमानों पर पानी फिर गया।
26 अप्रैल को हुए मतदान में जिले के सात ब्लाकों में चार पदों के लिए 11373 प्रत्याशी मैदान में थे। गांव की सरकार चुनने के लिए लोगों ने बढ़ चढ़ कर मतदान किया। 72.44 फीसदी मतदान हुआ। रविवार को सात ब्लाक केंद्र पर मतगणना शुरू हुई।
26 अप्रैल को हुए मतदान में जिले के सात ब्लाकों में चार पदों के लिए 11373 प्रत्याशी मैदान में थे। गांव की सरकार चुनने के लिए लोगों ने बढ़ चढ़ कर मतदान किया। 72.44 फीसदी मतदान हुआ। रविवार को सात ब्लाक केंद्र पर मतगणना शुरू हुई।
शुरुआत से हर मतपेटिका में दर्जनों वोट निरस्त हुए।
धीरे-धीरे इनका आंकड़ा बढ़ता ही गया। इनमें सबसे ज्यादा ऐसे वोट थे जिन पर मुहर की जगह मतदाताओं ने अंगूठा लगाया था। इसी तरह पूरे जिले में हजारों मतपत्र निरस्त कर दिए गए। इन मतदाताओं को पहले से ही जागरूक किया जाता तो शायद यह वोट निरस्त न होते।
कई मतदाताओं ने चुनाव चिह्न के कालम के बाहर मुहर लगाई थी। मतगणना कर्मियों ने उन्हें भी निरस्त करार दिया। वहीं कुछ मतपत्रों पर कई चुनाव चिह्न के सामने मुहर लगी मिली, इस पर उन्हें भी निरस्त कर दिया गया। कुछ मतपत्रों में पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं मिले तो कुछ मतपत्रों में किसी भी प्रकार का कोई निशान नहीं था।
खाली मिले मतपत्रों को लेकर अटकलें रही कि पंचायत चुनाव में नोटा का विकल्प नहीं होता है, इसलिए मतदाताओं ने खाली छोड़ दिया है। मतपत्रों पर अंगूठा लगा पाए जाने से सबसे ज्यादा उनके अरमानों पर पानी फिरा, जो कम वोटों से पिछड़े थे।
धीरे-धीरे इनका आंकड़ा बढ़ता ही गया। इनमें सबसे ज्यादा ऐसे वोट थे जिन पर मुहर की जगह मतदाताओं ने अंगूठा लगाया था। इसी तरह पूरे जिले में हजारों मतपत्र निरस्त कर दिए गए। इन मतदाताओं को पहले से ही जागरूक किया जाता तो शायद यह वोट निरस्त न होते।
कई मतदाताओं ने चुनाव चिह्न के कालम के बाहर मुहर लगाई थी। मतगणना कर्मियों ने उन्हें भी निरस्त करार दिया। वहीं कुछ मतपत्रों पर कई चुनाव चिह्न के सामने मुहर लगी मिली, इस पर उन्हें भी निरस्त कर दिया गया। कुछ मतपत्रों में पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं मिले तो कुछ मतपत्रों में किसी भी प्रकार का कोई निशान नहीं था।
खाली मिले मतपत्रों को लेकर अटकलें रही कि पंचायत चुनाव में नोटा का विकल्प नहीं होता है, इसलिए मतदाताओं ने खाली छोड़ दिया है। मतपत्रों पर अंगूठा लगा पाए जाने से सबसे ज्यादा उनके अरमानों पर पानी फिरा, जो कम वोटों से पिछड़े थे।
मुहर नापकर घोषित किया विजेता
बिधूना विकास खंड बिधूना की ग्राम पंचायत मुड़ियाई में मतगणना काफी रोचक रही। प्रधान पद की दो प्रत्याशियों को बराबर मत मिलने पर पटरी से मुहर नापी गई। जिसके हिस्से में मुहर अधिक थी, उसे विजेता घोषित कर दिया गया।
ग्राम पंचायत मुड़ियाई से प्रधान पद की प्रत्याशीआकांक्षा व कुसुमा देवी चुनाव मैदान में थी।
रविवार को मतगणना के दौरान दोनों प्रत्याशियों को 306-306 मत मिले। इससे दोनों में किसी को विजयी घोषित नहीं किया जा सका। मतगणना कर्मियों ने दो मतपत्रों को निरस्त कर दिया था। एक में अंगूठे का निशान था और दूसरे में दोनों प्रत्याशियों के नाम के बीच में मुहर लगी थी।
जब दोनों प्रत्याशियों ने रिटर्निंग आफीसर को जानकारी दी तो उन्होंने निरस्त मतपत्र में अंगूठे के निशान वाले को पूर्ण रूप से निरस्त मान मुहर वाले मतपत्र को निकलवा लिया। एक पटरी मंगवाई और जिस प्रत्याशी के हिस्से में मुहर ज्यादा थी उसे विजयी घोषित करने की बात कही। इस पर दोनों प्रत्याशियों ने सहमति जता दी। मुहर का हिस्सा आकांक्षा के चुनाव चिह्न की ओर ज्यादा होने पर उन्हें विजयी घोषित किया गया।
बिधूना विकास खंड बिधूना की ग्राम पंचायत मुड़ियाई में मतगणना काफी रोचक रही। प्रधान पद की दो प्रत्याशियों को बराबर मत मिलने पर पटरी से मुहर नापी गई। जिसके हिस्से में मुहर अधिक थी, उसे विजेता घोषित कर दिया गया।
ग्राम पंचायत मुड़ियाई से प्रधान पद की प्रत्याशीआकांक्षा व कुसुमा देवी चुनाव मैदान में थी।
रविवार को मतगणना के दौरान दोनों प्रत्याशियों को 306-306 मत मिले। इससे दोनों में किसी को विजयी घोषित नहीं किया जा सका। मतगणना कर्मियों ने दो मतपत्रों को निरस्त कर दिया था। एक में अंगूठे का निशान था और दूसरे में दोनों प्रत्याशियों के नाम के बीच में मुहर लगी थी।
जब दोनों प्रत्याशियों ने रिटर्निंग आफीसर को जानकारी दी तो उन्होंने निरस्त मतपत्र में अंगूठे के निशान वाले को पूर्ण रूप से निरस्त मान मुहर वाले मतपत्र को निकलवा लिया। एक पटरी मंगवाई और जिस प्रत्याशी के हिस्से में मुहर ज्यादा थी उसे विजयी घोषित करने की बात कही। इस पर दोनों प्रत्याशियों ने सहमति जता दी। मुहर का हिस्सा आकांक्षा के चुनाव चिह्न की ओर ज्यादा होने पर उन्हें विजयी घोषित किया गया।
भाई-भतीजावाद पर भारी रही नोट की चोट
गांव की सरकार बनाने में किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी। जिन लोगों के पास प्रचार प्रसार में भारी भरकम समर्थन था, काफिले के साथ वोट मांगने निकले, वह धड़ाम हो गए। जिनकी कोई गिनती नहीं कर रहा था उनके सिर पर जीत का सेहरा सजा नजर आया।
आंकड़ों से साफ हो गया कि कि प्रधानी में रिश्ते नाते, जाति, बिरादरी से ज्यादा व्यक्ति की मजबूत पकड़ और नोट की चोट भारी रही। उम्मीद से ज्यादा लोगों पर विश्वास कर खूब पैसे खर्च किए। लोगों को मुंह मांगी मुराद पूरी की गई और तो और आरक्षण की घोषणा होने से मतगणना तक दावतों का दौर भी खूब चला।
जब मतगणना परिणाम आए तो सभी हैरान रह गए। कुछ दावेदार भाई भतीजावाद और जातिवाद के साथ विकास के नाम पर वोट मांगते देखे गए। प्रचार के दौरान ऐसे प्रत्याशियों के साथ भीड़ तो खूब दिखी थी लेकिन परिणाम के आंकड़े उलटे दिखाई दिए। प्रधानी के चुनाव में रिश्तों के सामने नोट की चोट हावी दिखाई दी। अधिकतर मतदाताओं ने उन्हीं का साथ दिया जिसने खूब खर्च कर मतदाताओं की खूब आव भगत की।
गांव की सरकार बनाने में किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी। जिन लोगों के पास प्रचार प्रसार में भारी भरकम समर्थन था, काफिले के साथ वोट मांगने निकले, वह धड़ाम हो गए। जिनकी कोई गिनती नहीं कर रहा था उनके सिर पर जीत का सेहरा सजा नजर आया।
आंकड़ों से साफ हो गया कि कि प्रधानी में रिश्ते नाते, जाति, बिरादरी से ज्यादा व्यक्ति की मजबूत पकड़ और नोट की चोट भारी रही। उम्मीद से ज्यादा लोगों पर विश्वास कर खूब पैसे खर्च किए। लोगों को मुंह मांगी मुराद पूरी की गई और तो और आरक्षण की घोषणा होने से मतगणना तक दावतों का दौर भी खूब चला।
जब मतगणना परिणाम आए तो सभी हैरान रह गए। कुछ दावेदार भाई भतीजावाद और जातिवाद के साथ विकास के नाम पर वोट मांगते देखे गए। प्रचार के दौरान ऐसे प्रत्याशियों के साथ भीड़ तो खूब दिखी थी लेकिन परिणाम के आंकड़े उलटे दिखाई दिए। प्रधानी के चुनाव में रिश्तों के सामने नोट की चोट हावी दिखाई दी। अधिकतर मतदाताओं ने उन्हीं का साथ दिया जिसने खूब खर्च कर मतदाताओं की खूब आव भगत की।
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