सरकारी उचित दर की दुकान मालिक अभिषेक गुप्ता की दबंग आई कार्ड धारक को लात जूतों से पीटा
सरकारी उचित दर की दुकान मालिक अभिषेक गुप्ता की दबंग आई कार्ड धारक को लात जूतों से पीटा
मनोज तोमर
गाजियाबाद साहिबाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली डिफेंस कॉलोनी 60 फुटा रोड पर एक सरकारी उचित दर की दुकान जिसका कोड नंबर 233 है और दुकान अभिषेक गुप्ता के नाम से है वहीं दुकान मालिक ने पहले तो कार्ड धारक को 1 किलो राशन कम देने की पर्ची बना दी जिस पर 7 किलो चावल लिख दिए जबकि कार्ड धारक को 8 किलो चावल मिलने थे जब कार्ड धारक विजय ने 1 किलो कम चावल देने के बारे में दुकान मालिक अभिषेक गुप्ता से पूछा तो वह कहने लगा की हम तो सभी को 1 किलो राशन कम दे रहे हैं तो कार्ड धारक राशन पूरा 8 किलो लेने की बात पर अड़ गया तो इसी बात को लेकर दुकान मालिक अभिषेक गुप्ता वह उसके दोनों तीनों लड़को ने पीड़ित विजय को बुरी तरह लात घुसो से पीटने लगे । वहां पर खड़े एक लड़के ने इस पूरी घटना की वीडियो बनाई तो उसको भी राशन डीलर के लड़के ने पहले तो मारना शुरू कर दिया और उसके बाद उसका फोन छीन कर फोन से उक्त घटना की वीडियो डिलीट कर दी तुरंत इस घटना की सारी जानकारी पुलिस प्रशासन वह खाद्य आपूर्ति अधिकारी को दी गई वही कई कार्ड धारकों ने बताया कि हमें यह दुकान मालिक करीबन पिछले 1 साल से 1 किलो राशन कम दे रहा है हमने कई बार राशन कम देने का विरोध किया तो उसने हमें राशन देने से मना कर दिया और कहने लगा जाकर मेरी शिकायत गाजियाबाद के किसी भी बड़े अधिकारी से कर दो देखता हूं मैं कि मेरा या मेरी दुकान का तुम क्या बिगाड़ लोगे अब सोचने वाली बात यह है की जहां पूरी दुनिया एक तरफ तो करोना महामारी के चपेट में आकर आए दिन हजारों की तादात में अपनी जान गवा रही है वही सरकार रोज नए-नए दावे कर गरीब जनता को इस महामारी में फ्री राशन वितरण करने की बात कह रही है और दूसरी तरफ जनता के खून पसीने से कमाए हुए पैसे पर इन जैसे सरकारी उचित दर की दुकान मालिक अभिषेक गुप्ता जैसे लोग डाका डाल रहे हैं और आम जनता को अपनी आवाज उठाने पर उसे रास्ते से हटाने की बात कर रहे हैं अब देखने वाली बात यह होगी कि इस इतनी बड़ी घटना को हो जाने के बाद जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं या ऐसे ही मिल बांट कर यह लोग आम जनता को अपना निशाना बनाते रहेंगे और सरकार को बदनाम करने में लगे रहेंगे वैसे इस पूरे घटना की शिकायत उच्च अधिकारियों से भी की जा रही है
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