कोविड के दौर में अहम कड़ी बनें डॉ अब्दुल, अतुलनीय है योगदान
उत्तर प्रदेश न्यूज21
●परिवार से दूर रहकर मरीजों की जान बचाने को दे रहे प्राथमिकता
●कोरोना वार्ड या इमरजेंसी ड्यूटी, सबमें रहते हैं तत्पर
इटावा:कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने बुरी तरह से संपूर्ण देशवासियों को प्रभावित किया। लगभग हर व्यक्ति ने अपने प्रियजनों व स्वजनों को खोया। इस महामारी से हर तरफ निराशा फैली हुई है। लेकिन कुछ स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टर व फ्रंटलाइन वर्कर्स अपनी सेवाओं से उम्मीद की किरण को जगाए हुए हैं। और अपने काम के प्रति निष्ठावान बने हुए हैं। ऐसे ही मिसाल बनकर उभरे हैं वर्तमान में जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर डॉ अब्दुल कादिर।
जनपद में डॉ अब्दुल कादिर ने उम्मीद की किरण बनकर लोगों की मदद की और अपने सेवा भाव से पूर्ण होकर कोविड वार्ड में कार्यरत रहे थे। पूर्व में वह ब्लॉक बसरेहर की बरालोकपुर पीएचसी पर मेडिकल ऑफिसर के रूप में उससे भी पूर्व जिला अस्पताल में मानसिक रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत थे। डॉ कादिर की ड्यूटी कोरोना की पहली लहर में नारायणा कॉलेज के एल1 के कोरोना वार्ड में लगाई गई। उस समय भी उन्होंने अपने कार्यों से सबको प्रभावित किया। साथ ही उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर में एल2 जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड 12 से 26 अप्रैल तक काम किया।
डॉ कादिर ने बताया कोरोना की दूसरी लहर के आने से मरीजों की संख्या उस समय धीरे-धीरे बढ़ने लगी और सभी जगह डर जैसा माहौल हो गया। एक बार को मैं भी डरा लेकिन मैंने अपने आप को संभाला और फिर दृढ़ता से अपने कार्य में जुट गया। उन्होंने बताया कोई भी वायरस शरीर के अंदर त्वचा के माध्यम से नहीं जाता वह नाक मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है इसलिए मैं सही तरह से मास्क का प्रयोग किया और अपने घर के सदस्यों से उस दौरान दूर रहा। मैंने घर में अपने आप को एक तरह से एक कमरे में आयसोलेट कर लिया और खुद संक्रमित होने से बचा और अपने परिवार के सदस्यों को भी संक्रमित होने से बचाया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी डी भिरोरिया का कहना है कि डॉ अब्दुल कादिर जैसे लोगों की समाज को सख्त जरूरत है। और जब मैंने उनके कार्य शैली के बारे में सुना तो हर्ष महसूस हुआ और मैं उनके कार्य की सरहाना करता हूं । जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अशोक जाटव ने बताया डॉ कादिर ने बहुत ही मेहनत व निष्ठा से मरीजों का इलाज किया। स्टाफ की कमी के चलते भी उन्होंने व्यवस्थाओं को जिस तरह से संभाला वह उनकी काबिलियत को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कोविड वार्ड में मरीजों से बहुत ही आत्मीय संवाद स्थापित करके उनका मनोबल बढ़ाया।
कोरोना वार्ड में भर्ती चितभवन निवासी माधव शंकर ने बताया मेरे परिवार के 4 सदस्य भी कोरोना संक्रमित थे मैं मानसिक रूप से व्यतीत था तब डॉ अब्दुल ने मुझे मानसिक रूप से सशक्त बनाया और भरोसा दिलाया आप और आपका पूरा परिवार स्वस्थ हो जाएगा और समय-समय पर वह आकर हम लोगों की देखभाल करते रहे ।
कोरोना संक्रमित केकेडीसी डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर अनुपम ने बताया मैं जब कोविड वार्ड में भर्ती था तब डॉ कादिर से संपर्क हुआ उस समय मैं मानसिक रुप से बुरी तरह हार चुका था और मैं कोरोना ग्रस्त होने के कारण डरा हुआ था लेकिन उन्होंने मेरी सोच को सकारात्मक बनाया और मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद की। जिस तरह की परिस्थितियों है उन परिस्थितियों में डॉ कादिर जैसे लोग ही हीरो है जो मानवता को सर्वोपरि रखते हुए काम करते हैं ।
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