दिबियापुर में रोडवेज कर्मी ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर आत्महत्या करने की बात कही
उत्तर प्रदेश न्यूज21संवाददाता
दिबियापुर (औरैया):आगरा में तैनात दिबियापुर निवासी रोडवेज कर्मी ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगा ट्वीट कर आत्महत्या करने की बात कही है। रोडवेज कर्मी शरद राजपूत के इस ट्वीट से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है।ट्विटर पर पुलिस महकमे के आला अधिकारियों को टैग कर 26 मार्च को शरद राजपूत ने एक और पोस्ट की है। इसमें लिखा है कि थाने में उनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। पांच साल से घर के बाहर रहकर सरकारी नौकरी कर रहा हूं। कभी-कभी घर पर आता हूं। उनके खिलाफ पुलिस ने 107/116 की रिपोर्ट की है। जबकि उनका किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ। शरद ने बताया कि उनके चाचा सिरायाम की हत्या 28 दिसंबर 2015 को हुई थी। इसमें 24 जनवरी 2020 को दो लोगों को आजीवन कारावास हुआ था। जबकि गांव के तीन आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया गया था। इसकी अपील उन्होंने उच्च न्यायालय में कर दी थी।
16 दिसंबर 2020 को इसी मामले को लेकर उनके पिता रामसरन निवासी करौंधा बिझाई पर तमंचे से फायर कर दिया गया था। गोली गांव के ही सत्यराम के पैर में लगी थी। पिता ने गांव के रीतेश, अनुज, शीटू व दो अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोपी पक्ष की ओर से सत्यराम ने उनके पिता रामशरन, भाई शेखर व मनोज के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने इन्हीं मामलों को लेकर 16 लोगों के साथ शरद पर कार्रवाई कर दी है। न्यायालय एसडीएम बिधूना से समन आने के बाद उन्हें जानकारी हुई।
वर्जन ट्वीट की जानकारी पर पुलिस टीम को भेजा गया था। जहां शरद के पिता से बात हुई है। पहली बार में जब शंातिभंग की कार्रवाई की गई थी, तब ट्वीट करने वाले परिवहन विभाग का कर्मी मौके पर मौजूद था। दूसरी मारपीट की घटना में की गई कार्रवाई में उनका परिवार शामिल था। भविष्य में परिवहन कर्मी शरद राजपूत कोई विवाद न खड़ा कर दें, इसलिए उनके खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की गई थी। फिलहाल सभी से बात कर संतुष्ट कर दिया गया है। - अपर्णा गौतम, एसपी
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