संजीत यादव का परिवार अखिलेश यादव से मिला, परिवार को ₹200000 की और आर्थिक मदद की
उत्तर प्रदेश न्यूज 21
लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपरहण और हत्याकांड मामले में पीड़ित परिवार ने आज शुक्रवार दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
कानपुर: लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपरहण और हत्याकांड मामले में पीड़ित परिवार ने आज शुक्रवार दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के रााष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। इससे पहले बीते गुरुवार को लखनऊ जा रहे संजीत के परिजनों को कानपुर पुलिस ने रामादेवी फ्लाईओवर पर रोक लिया और उन्हें समझा-बुझाकर वापस लौटा दिया था. अखिलेश यादव ने मुलाकात की और घटना की खुलासे के दिन ही ₹500000 की आर्थिक मदद की थी, आज पुनः पीड़ित परिवार को ₹200000
की आर्थिक मदद की, और आगे पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक पार्टी पूरी तरीके से पीड़ित परिवार के साथ है और मौजूदा सरकार से यह मांग है पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिले संजीत की डेड बॉडी मिले और परिवार को ₹5000000 की आर्थिक मदद व वह संजीत की बहन को सरकारी नौकरी दी जाए।अपहरण काण्ड न्याय के लिए सरकार द्वारा एक विशेष टीम गठित की जाए और जब तक न्याय ना मिल जाए तब तक पीड़ित परिवार से मिलने बड़े अधिकारी जाएं और उनकी बात सुनते रहे साथ में यह भी कहा आप न्याय के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से मिले न्याय की गुहार लगाएं, परंतु ऐसे प्रदर्शनों से भी बचें जिससे आपकी स्वयं की शारीरिक क्षति व प्रशासन से टकराव हो,प्रशासन के लोग हैं व्यावहारिक संवेदनशीलता का परिचय दें। लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हुआ था. 29 जून को उनके परिजानों के पास 30 लाख की फिरौती के लिए फोन आया. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख रुपए फिरौती अपहरणकर्ताओं को दे दी थी।लेकिन पुलिस न तो अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई, न ही संजीत यादव को बरामद कर सकी और पैसे भी चले गए।पुलिस ने 21 जुलाई को सर्विलांस की मदद से संजीत के दो दोस्तों को पकड़ा।उन्होंने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन लोगों ने 26 जुलाई को संजीत की हत्या कर उसका शव को पांडु नदी में फेंक दिया था।पुलिस ने पांडु नदी में कई बार सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन संजीत का शव नहीं मिला।परिजनों की मांग पर योगी सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की हामी भरी थी।लेकिन सीबीआई जांच अभी तक शुरू नहीं हो सकी है, न ही पुलिस संजीत का शव बरामद कर सकी है. पीड़ित परिवार इसी बात को लेकर आक्रोशित है. पीड़ित परिवार की मांग है कि संजीत की बहन को सरकारी नौकरी मिले और इस मामले की जांच जल्द से जल्द सीबीआई से शुरू कराई जाए।
की आर्थिक मदद की, और आगे पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक पार्टी पूरी तरीके से पीड़ित परिवार के साथ है और मौजूदा सरकार से यह मांग है पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिले संजीत की डेड बॉडी मिले और परिवार को ₹5000000 की आर्थिक मदद व वह संजीत की बहन को सरकारी नौकरी दी जाए।अपहरण काण्ड न्याय के लिए सरकार द्वारा एक विशेष टीम गठित की जाए और जब तक न्याय ना मिल जाए तब तक पीड़ित परिवार से मिलने बड़े अधिकारी जाएं और उनकी बात सुनते रहे साथ में यह भी कहा आप न्याय के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से मिले न्याय की गुहार लगाएं, परंतु ऐसे प्रदर्शनों से भी बचें जिससे आपकी स्वयं की शारीरिक क्षति व प्रशासन से टकराव हो,प्रशासन के लोग हैं व्यावहारिक संवेदनशीलता का परिचय दें। लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हुआ था. 29 जून को उनके परिजानों के पास 30 लाख की फिरौती के लिए फोन आया. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख रुपए फिरौती अपहरणकर्ताओं को दे दी थी।लेकिन पुलिस न तो अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई, न ही संजीत यादव को बरामद कर सकी और पैसे भी चले गए।पुलिस ने 21 जुलाई को सर्विलांस की मदद से संजीत के दो दोस्तों को पकड़ा।उन्होंने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन लोगों ने 26 जुलाई को संजीत की हत्या कर उसका शव को पांडु नदी में फेंक दिया था।पुलिस ने पांडु नदी में कई बार सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन संजीत का शव नहीं मिला।परिजनों की मांग पर योगी सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की हामी भरी थी।लेकिन सीबीआई जांच अभी तक शुरू नहीं हो सकी है, न ही पुलिस संजीत का शव बरामद कर सकी है. पीड़ित परिवार इसी बात को लेकर आक्रोशित है. पीड़ित परिवार की मांग है कि संजीत की बहन को सरकारी नौकरी मिले और इस मामले की जांच जल्द से जल्द सीबीआई से शुरू कराई जाए।
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