विद्यार्थी जीवन एक तपस्वी की भाँति - मोटिवेशनल स्पीकर सत्यदेव सिंह सेंगर
रिपोर्टर- आर्यन तिवारी /उत्तर प्रदेश न्यूज़21
विद्यार्थी जीवन एक तपस्वी की भाँति होता है जिसमें समाज के सभी तरह के लोगों के साथ रहकर वह अपने उद्देश्य के प्रति सजग रहता है।
उसके पढ़ाई का पहला विंदु उसके अनुशाशन पर निर्भर करता है ।अनुशाशन में रहने वाला व्यक्ति ही शाशन करता है।"अनुशाशन विद्यार्थी जीवन का एक मुख्य विंदु है।अनुशाशन का पाठ न सिर्फ अध्यापक के द्वारा अपितु परिवार के द्वारा भी पढ़ाया जाता है।बच्चा अनुशाशन अपने घर से सीखना प्रारम्भ करता है।उदाहरण के लिए एक 1 साल के बच्चे के सामने हम जिस तरह कि गतिविधियां करते हैं वो उन्ही गतिविधियों को दोहराता है या नकल करता है।इसलिए अभिभावकों को भी ध्यान रखना चाहिए कि हम बच्चों के सामने किस तरह का अनुशाशन प्रस्तुत कर रहे हैं,वही अनुशाशन बच्चे की उन्नति का मार्ग प्रसस्त करता है।
अनुशाशन का अर्थ न केवल किताबी ज्ञान होना अपितु नियम,सिद्धांत तथा आदेशों का पालन करना भी है।
विद्यार्थी जीवन का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण विंदु समय है जिसकी कीमत समझना विद्यार्थी के लिए वेहद जरूरी है।
कहा जाता है समय हमारा राजा है और हम सब इसके नौकर।इस संसार मे न केवल सभी व्यकितयों बल्कि विद्यार्थियों के पास भी प्रत्येक दिन 86400 सेकंड हैं जो बैंक में पैसे की तरह हैं प्रत्येक दिन हमारे एकाउंट में आते हैं और प्रयोग न करने पर हमारे एकाउंट से अपने आप चले जाते हैं।ये हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम इन्हें अपनी उन्नति करने में लगाते हैं या व्यर्थ चले जाने देते हैं।अक्सर हम "कर लेंगे" या पढ़ लेंगे का द्रष्टिकोण रखते हैं और समय निकल जाता है।हमें पढ़ना ही है,करना ही है सोचना है।जब तक हम संकल्प नहीं कर लेते हैं हम सफल नही हो सकते।मंजिल उन्ही को मिलती है जो सफलता के दीवाने होते हैंमंजिल उनको कभी नही मिलती जिनके लाखों बहाने होते हैं।दुनिया मे ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने समय की कीमत को समझ और सफलता की ऊँचाइयों को छुआ है।संतोष यादव उनमे से एक सर्वश्रेष्ठ उदहारण है जिनके रास्ते मे कई कठिनाइयाँ आयी लेकिन माउंट एवरेस्ट पर पहुँचकर उन्होंने नया कीर्तिमान स्थापित किया।
दुनिया आपके संघर्ष को तभी सलाम करती है जब आप सफल हो जाते हैं।
इसलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपना हर कार्य निर्धारित समय पर या उसके पहले ही समाप्त कर लें जिससे बचे हुए समय में दूसरे कामों को करने की रूप रेखा बनाई जा सके।
एक समय ऐसा भी होता है जिसे हम 'खाली समय' कहते हैं।तब इस समय में हमें क्या करना चाहिए ये प्रश्न शायद सभी विद्यार्थियों के मन मे उठता होगा।
क्यों न हम इसे 'खाली समय' न कहकर इसको महत्वपूर्ण समय कहें और इसका उपयोग अपने परिवार के साथ रहकर उनका मार्गदर्शन प्राप्त करें।
किताबों से हमें ज्ञान तो मिल सकता है लेकिन सांसारिक ज्ञान अपने परिवार के बड़े बुजुर्गों से ही मिलता है जो भी बहुत महत्वपूर्ण है।
इस महत्वपूर्ण समय में हम उन सफल व्यक्तियों के बारे में भी पढ़ सकते हैं जिन्होंने समय का सही उपयोग करके सफलता प्राप्त की।उदाहरण के लिए स्वामी विवेकानंद,रतन टाटा,महेन्द्र सिंह धोनी आदि।
जीवन में वही लोग सफलता और उन्नति प्राप्त करते हैं जो समय के महत्व को समझते हैं।यदि हम समय का सही प्रकार से उपयोग करें तो समय कभी भी प्रतिकूल नही होता,अपितु हर कदम पर हमारा साथ देता है।
सत्यदेव सिंह सेंगर
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