ससुराल में रहकर कृषि राज्य मंत्री की शिक्षिका पुत्र वधू छात्रों को दे रही है ऑनलाईन शिक्षा
क्रासर । छात्र कोरेना योद्धा बनकर पोस्टरों के जरिये लोगो को कर रहे जागरूक
उत्तरप्रदेश न्यूज़21 समाचार संपादक अमित चतुर्वेदी
क्रासर । शिक्षिका संध्या ने सभी से आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया
औरेया । संपूर्ण लॉकडाउन के बीच छात्रों की पढ़ाई पर प्रभाव पड़ा है। कई स्कूलों ने बिना परीक्षा के ही बच्चों को अगली
कक्षा में प्रवेश देने की घोषणा की है। पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए उप्र शासन ने स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी है। लॉकडाउन के कारण घरों में बंद स्कूली छात्रों के समय के सदुपयोग के लिए नया सत्र बतौर ऑनलाइन शुरू कर दिया गया है। पहली बार ऑनलाइन तरीके से शुरू हुई पढ़ाई को लेकर छात्रों को नये तरीके का अनुभव हो रहा है। छात्र नये उत्साह के साथ नये सत्र का स्वागत कर रहे हैं। अभी तक मोबाइल में केवल गेम जानने वाले छात्र पहली बार मोबाइल के अलग मायनों से भी परिचित हो रहे हैं। लॉकडाउन के कारण नए सत्र की किताबों से अभी दूर बच्चों को ऑनलाइन नये पाठ्यक्रमों की जानकारी हो रही है। इससे छात्र पढ़ाई को बिना बोझ समझे कांसेप्ट की डिटेल स्टडी करते दिखाई दे रहे हैं। ऑनलाइन पढाई, ऐप के जरिए क्रिएटिव तरीके से पाठ्यक्रम को समझने में आसानी होती है।ऑनलाइन पढ़ाई कर खुश हैं छात्र
कक्षा में प्रवेश देने की घोषणा की है। पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए उप्र शासन ने स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी है। लॉकडाउन के कारण घरों में बंद स्कूली छात्रों के समय के सदुपयोग के लिए नया सत्र बतौर ऑनलाइन शुरू कर दिया गया है। पहली बार ऑनलाइन तरीके से शुरू हुई पढ़ाई को लेकर छात्रों को नये तरीके का अनुभव हो रहा है। छात्र नये उत्साह के साथ नये सत्र का स्वागत कर रहे हैं। अभी तक मोबाइल में केवल गेम जानने वाले छात्र पहली बार मोबाइल के अलग मायनों से भी परिचित हो रहे हैं। लॉकडाउन के कारण नए सत्र की किताबों से अभी दूर बच्चों को ऑनलाइन नये पाठ्यक्रमों की जानकारी हो रही है। इससे छात्र पढ़ाई को बिना बोझ समझे कांसेप्ट की डिटेल स्टडी करते दिखाई दे रहे हैं। ऑनलाइन पढाई, ऐप के जरिए क्रिएटिव तरीके से पाठ्यक्रम को समझने में आसानी होती है।ऑनलाइन पढ़ाई कर खुश हैं छात्र
ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ उठा रहे छात्र काफी खुश नजर आए। गौरतलब है कि संपूर्ण भारत में 3 तक लाॅकडाउन है और उसके बाद इसे हटाया जाएगा या नहीं अभी कोई अनुमान नहीं है। यदि कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती है तो लाॅकडाउन बढ़ाए जाने की आशंका भी जताई जा रही है। ऐसे में स्कूल खोलना भी नामुमकिन लग रहा है। काेर्स के मुताबिक काफी लेट हो जाएगा और छात्र एक साल के लिए पिछड़ जाएंगे। छात्रों को कोई दिक्कत न हो और शिक्षा व्यवस्था पर इसके प्रभाव कम से कम पड़े। इसी के मद्देनजर स्कूल अब ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर दी है। यहां केवल पढ़ाई ही नहीं, अन्य एक्टिविटी भी टीचर्स छात्रों को ऑनलाइन करा रहे हैं। लॉकडाउन के समय घर में रह रहे सभी छात्र और टीचर इस तरह अपनी बोरियत भी दूर कर रहे हैं और पढ़ाई भी नियमित चल रही है। लॉकडाउन के इस समय के सदुपयोग के साथ-साथ तकनीकी के बढ़ते हुए आयामों से बच्चों का किस तरह विकास हो सकता है।
वही दिबियापुर स्थित मुहाल रामकृष्ण निवासी उप्र सरकार के कृषि राज्यमंत्री की शिक्षिका पुत्रबधू व एडवोकेट की पत्नी विज्ञान संचारक एवम जीजीआईसी बाराबंकी में भैतिक विज्ञान की प्रवक्ता संध्या राजपूत ने लॉक डाउन की वजह से ससुराल में रहकर ऑनलाइन शिक्षा के जरिए स्कूल के छात्र-छात्राओं को शिक्षा दे रही है । इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं से खुद से अध्ययन करने के साथ-साथ अपने अंदर संस्कार को भी बनाए रखने की सलाह दी। लॉक डाउन में छात्र-छात्राओं का भी कर्तव्य बनता है कि वे अपने माता-पिता तथा बड़े बुजुर्गों का नित्यदिन पैर छूकर आशीर्वाद लें तथा अपने अंदर संस्कार को पनपने दें। अच्छे संस्कार से ही व्यक्ति श्रेष्ठ जीवन जीता है और आगे जाकर महान बनता है। वही उन्होंने अपने सभी छात्रों से आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया और उनसे अन्य लोगो को भी जागरूक करने को कहा और छात्रों द्वारा कोरेना के प्रति जागरूक करने के लिए तरह तरह की अपील भी लिख रहे है उनके सभी छात्र कोरेना योद्धा है ।
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