असफलता ही सफलता का मुख्य रहस्य का कारण बनती है
असफलता ही सफलता का मुख्य रहस्य का कारण बनती है
संपादकीय-अनुराग सिंह
आप को हर समय सफलता की उम्मीद होना निराशा का एक बड़ा कारण है। आप जो नौकरी में, रिश्तों में, आश्वासनों में, निश्चितता चाहते हैं, असफलता उसका एक आयाम है। जैसे सफलता याद रखने चाहते हैं, वैसे ही आप को कुछ असफलताओं को भी याद रखना चाहिए।जीवन में असफलता, हमें सफलता से ज़यादा मिलती है। कौन ऐसा 'सफल' व्यक्ति है जिसने असफलता और तिरस्कार नहीं झेला होगा! जिनको हम दुनिया के सफल व्यक्ति मानते हैं, उनकी कहानी भी रिजेक्शन और असफल प्रयास की बुनियाद पर खड़ी होती है। फिल्म इंडस्ट्रीज से लेकर प्रशासनिक सेवा में सफल रहे लोगों ने असफ़लता का सामना किया है। सदी के महान नायक, अमिताभ बच्चन जिन दिनों मुंबई (बम्बई) की फ़िल्मी दुनिया में काम ढूंढ रहे थे, उनकी आवाज रेडियो के लिए 'उपयुक्त 'नहीं पाई गई थी। जब अमिताभ बच्चन ने एबीसीएल बनाया तो उनकी उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली और फिर 'कौन बनेगा करोड़पति' से वह टीवी की दुनिया में आये और लोगों के दिलों पर छा गए। ऐसे ही प्रतिभावान गायक कैलाश खेर की आवाज, शुरुआत के दिनों में, फिल्मों में गाने के लायक नहीं समझी गई थी। मोहमद रफ़ी को भी स्टेशन पर रातें गुज़ारनी पड़ी थीं।
सिविल सेवा की परीक्षा में इंटरव्यू देने के बाद भी सफल नहीं हुए हमारे कुछ दोस्तों ने, दूसरे छात्रों की मदद की, उनको गाइड किया और उनकी सफलता में अपनी सफलता देखी।हमें जब भी कोई बड़ी निराशा होती है, हम सोचते हैं ऐसा हमारे ही साथ हुआ है, जबकि ऐसी बात नहीं है। आप लोगों के जीवन में झांक कर देखें, जो लोग आपको ज़्यादा खुश दिखते हैं, उनसे बात कर के हमको पता चलेगा, उन्होंने कितने पापड़ बेले हैं! तो ये रिजेक्शन, हम को और रचनात्मक होने, ऊर्जावान होने और बड़े कैनवास पर, काम करने के लिए प्रेरित करता है। जिसने असफलता को महूसस किया है, जो रिजेक्शन को याद रखता है, वो अक्सर दूसरों की इज्जत और मदद ज्यादा करता है। दूसरों को अपना दुःख बताने की बजाए, उनकी बातें सुनता है, हौसला देता है कि- 'सब ठीक हो जायेगा'! हर एक चीज में कुछ सकारात्मक ढूंढने से नकारत्मकता से बचा जा सकता है।जोहान्स हौसोफोर, प्रिंसटोन यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान और पब्लिक अफेयर्स के प्रोफेसर हैं। उन्होंने अपनी कुछ असफलताओं का जिक्र, अपनी उपलब्धियों के साथ किया। उनका 'सी वी ऑफ़ फेलियर' काफी चर्चा में आया। उन्होंने सफलता और असफलता के बीच एक संतुलन बनाने के अलावा, लोगों को एक दूसरा नजरिया देने के क्रम में अपने सीवी में, एक क्रम से असफलता और रिजेक्शन को दर्ज़ किया। ऐसा उन्होंने इसलिए किया कि लोग समझ सकें कि उनको भी आसानी से कोई सफलता नहीं मिली है।
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