बुंदेलखंड के जालौन में लगभग25 साल बाद गिद्ध राज की दस्तक आप देख के रह जाएंगे दंग
ब्यूरोचीफ:-सौरभ त्यागी /उत्तर प्रदेश न्यूज़21
जालौन कोतवाली से मात्र7 किमी दूर ग्राम औरेखी मे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का कार्य चल रहा है वहीं पास के खेतों मे करीब 25 से तीस गिद्ध राज देखे गये है। और गिद्ध राज का 2 मिनट का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जो की अनिल कुमार प्रजापति की फेसबुक से डाला गया था उस वीडियो को खूब शेअर भी किया जा रहा है।
लेकिन अब लोग गिद्ध राज़ को देखने पहुंच रहे हैं।
वर्ष 2013-14 की गणना के अनुसार 13 जिलों में करीब 900 गिद्ध पाए गए थे। प्रदेश सरकार ने विलुप्ति के कगार पर पहुंचे गिद्धों के संरक्षण और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए महराजगंज में 'जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र' स्थापित करने का फैसला किया है।
इस वात की सूचना वन विभाग को फोन पर पत्रकार अनिल कुमार प्रजापति ने दी है फिलहाल अभी तक बन विभाग से कोई भी कर्मचारी नहीं पहुंचा।
पुरानी दुनिया का गिद्ध है जो नई दुनिया के गिद्धों से अपनी सूंघने की शक्ति में भिन्न हैं। यह मध्य और पश्चिमी से लेकर दक्षिणी भारत तक पाया जाता है। प्रायः यह जाति खड़ी चट्टानों के श्रंग में अपना घोंसला बनाती है, परन्तु राजस्थान में यह अपना घोंसला पेड़ों पर बनाते हुये भी पाये गये हैं। अन्य गिद्धों की भांति यह भी अपमार्जक या मुर्दाख़ोर होता है और यह ऊँची उड़ान भरकर इंसानी आबादी के नज़दीक या जंगलों में मुर्दा पशु को ढूंढ लेते हैं और उनका आहार करते हैं। इनके चक्षु बहुत तीक्ष्ण होते हैं और काफ़ी ऊँचाई से यह अपना आहार ढूंढ लेते हैं। यह प्रायः समूह में रहते हैं। भारतीय गिद्ध का सर गंजा होता है, उसके पंख बहुत चौड़े होते हैं तथा पूँछ के पर छोटे होते हैं। इसका वज़न ५.५ से ६.३ कि. होता है। इसकी लंबाई ८०-१०३ से. मी. तथा पंख खोलने में १.९६ से २.३८ मी. की चौड़ाई होती है।
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