नावेल कोरोनावायरस रोग (COVID 19): एहतियात से परे जानकारी .......
नावेल कोरोनावायरस रोग (COVID 19): एहतियात से परे जानकारी .......
उत्तर प्रदेश न्यूज़21
संपादकीय......
क्यों कहा जाता हे इसको कोरोना ?
कैसे एवं आज तक कितना फैला हे इसका कहर?
कैसे की जाती हे कोरोना पॉजिटिव रोगी के पहचान /जांच?
अभी तक कोरोना का क्यों नहीं हे इलाज?
वैज्ञानिक कोनसी दवाई/टीके का कर रहहे परीक्षण?
कोरोना मानव शरीर की कोशिका में कैसे प्रवेश करता हे?
COVID -19 के उपचार के लिए विश्व में दवाएं क्यों नहीं हैं और उन्हें विकसित करने में कितना समय लगेगा?
दवाई/टीके विकसित करने तक अपनों को व दुसरो को कोरोना वायरस से कैसे बचायें?जब दुनिया 2019 के आखिरी दिन, नव वर्ष 2020 का स्वागत करने की तैयारी कर रही थी, तो चीन ने हुबेई के वुहान शहर में “हुआन सीफूड और पोल्ट्री होलसेल मार्केट” से जुड़े असामान्य निमोनिया के मामलों की एक क्लस्टर रिपोर्ट जारी की। एक सप्ताह बाद (7 जनवरी, 2020 को) चीन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने घोषणा की कि निमोनिया के मामलों का समूह एक नए वायरस से जुड़ा है, जिसे बाद में 2019-nCoV या नावेल कोरोनावायरस नाम दिया गया तथा इससे फैलने वाली बीमारी को COVID 19 या कोरोनावायरस बीमारी कहा गया।नावेल कोरोना वायरस के कारण पहली ज्ञात मृत्यु 11 जनवरी, 2020 को चीन में हुई थी। तत्पश्चात, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 30 जनवरी 2020 को COVID -19 को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की अंतर्राष्ट्रीय चिंता (PHEIC) के रूप में घोषित किया। WHO के अनुसार आज 26 मार्च 2020 तक यह बीमारी विश्व के 197 देशो / क्षेत्रों में फ़ैल चुकी हे| इन देशो में अब तक 416686 लोग इस बीमारी से ग्रसित हुए हे एवं 18589 लोगों की मौत हो चुकी हे|COVID – 19 मामलों की संख्या के संबंध में, सर्वाधिक प्रभावित देशो में चीन, इटली, संयुक्त राज्य अमेरिका, स्पेन, जर्मनी, ईरान, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, स्विटजरलैंड और यूनाइटेड किंगडम, सबसे प्रमुख हैं। भारत में इस बीमारी का पहला केस 30 जनवरी को दर्ज किया गया| आज केसो की संख्या 606 हो गयी हे तथा करीब 11 लोगो की इस बीमारी से मौत हो चुकी हे| अन्य विकसित देशो से तुलनातमक रूप में भारत पर इसका प्रकोप बहुत कम हुआ हे लेकिन इसके तेजी से फैलाव को देखते हुए भारत सरकार ने आवश्यक सेवाओं को छोड़कर पुरे देश में 21 दिनों तक लॉक डाउन (बंद) की घोषणा कर दी हे|2019-nCoV मानव कोशिकाओं में कैसे प्रवेश करता हे –जर्नल “साइंस” में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, वायरस की ट्राईमेरिक स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन (देखें – चित्र), मानव कोशिकाओं पर कुंडी लगाता है, फिर यह प्रोटीन एक संरचनात्मक परिवर्तन से गुजरता है जो वायरस को कोशिका झिल्ली के साथ फ्यूज करने की अनुमति देता है। वायरल जीन फिर कॉपी किए जाने वाले होस्ट सेल (मानव कोशिका) में प्रवेश करते हैं।मानव कोशिकाओं (आकार: 100000 नैनोमीटर) की तुलना में, कोरोना वायरस आकार बहुत छोटा (आकार: 70 – 80 नैनोमीटर) होता हैं और वे बिना किसी जीवित कोशिका के स्वयं से रेप्लिकेट (द्विगुणित) नहीं हो सकते। कोरोनावायरस में लगभग 30 प्रोटीन होते हैं, जबकि एक मानव कोशिका में 20,000 से अधिक प्रोटीन होते हैं। (प्रोटीन, कोशिकाओं में पाये जाने वाले एमिनो एसिड्स की शृंखला होती हे)| प्रोटीनो के इस सीमित सेट से वायरस बड़ी चतुराई से मानव कोशिका को अपने ही शरीर के खिलाफ कर लेता है।
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