राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय को बनवाने की ग्रामवासियों ने की माँग
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय को बनवाने की ग्रामवासियों ने की माँग
उत्तर प्रदेश न्यूज़21
उप संपादक अनुराग सिंह
बेला-(औरैया)-विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत महू में चार दशक पूर्व बनवाए गए राजकीय आयुर्वेदिक
चिकित्सालय का भवन जहां जर्जर स्थिति में गिराऊ स्थित में खड़ा है वहीं चिकित्सालय की भूमि पर आसपास के लोगों द्वारा अनाधिकृत कब्जा कर लिया गया है |क्षेत्र के लोगों ने शासन प्रशासन से आयुर्वेदिक
चिकित्सालय का भवन बनवाए जाने के साथ चिकित्सालय को विधिवत शुरू कराए जाने की मांग की है| ज्ञातव्य हो कि तहसील क्षेत्र के ग्राम महू में तत्कालीन विधायक गजेंद्र सिंह बाबूजी के द्वारा 1972 में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की स्थापना कराई गई थी |राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापित होने से ग्रामीण क्षेत्र की जनता को आसानी से उपचार आदि की सुविधाएं मुहैया हो रही थी बीते चार दशक पूर्व बना राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भवन जर्जर और गिराऊ स्थित में खंडहर की तरह पड़ा हुआ है। जबकि आसपास के लोगों द्वारा उसकी भूमि पर अनाधिकृत कब्जा कर लिया गया है बताया जाता है कि राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय बंद पड़ा है और चिकित्सक आदि भी वहां नहीं पहुंच रहे हैं जिससे आम जनता को राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की सुविधाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है| क्षेत्र की जनता ने शासन प्रशासन से राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के भवन का पुनर्निर्माण कराए जाने की मांग की है साथ ही चिकित्सीय सुविधाओं को मुहैया कराए जाने की भी मांग की है| इसकी खबर कई बार समाचार पत्र में प्रकाशित की गई लेकिन अभी तक अधिकारियों के कानों में जू तक नही रेंग रहा है। आखिर क्या इसी तरीके से उ०प्र० की सरकार का असर इन अधिकारियों पर नही पड़ता इनको कोई भय नही रह गया आखिर इस पर विचार क्यों नही किया जा रहा है इन समस्यओं का समाधान एक तरफ जिलाधिकारी ने आदेश कर दिया कि कही भी अनाधिकृत कब्जे बाले को बक्सा नही जाएगा।
चिकित्सालय का भवन बनवाए जाने के साथ चिकित्सालय को विधिवत शुरू कराए जाने की मांग की है| ज्ञातव्य हो कि तहसील क्षेत्र के ग्राम महू में तत्कालीन विधायक गजेंद्र सिंह बाबूजी के द्वारा 1972 में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की स्थापना कराई गई थी |राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापित होने से ग्रामीण क्षेत्र की जनता को आसानी से उपचार आदि की सुविधाएं मुहैया हो रही थी बीते चार दशक पूर्व बना राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भवन जर्जर और गिराऊ स्थित में खंडहर की तरह पड़ा हुआ है। जबकि आसपास के लोगों द्वारा उसकी भूमि पर अनाधिकृत कब्जा कर लिया गया है बताया जाता है कि राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय बंद पड़ा है और चिकित्सक आदि भी वहां नहीं पहुंच रहे हैं जिससे आम जनता को राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की सुविधाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है| क्षेत्र की जनता ने शासन प्रशासन से राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के भवन का पुनर्निर्माण कराए जाने की मांग की है साथ ही चिकित्सीय सुविधाओं को मुहैया कराए जाने की भी मांग की है| इसकी खबर कई बार समाचार पत्र में प्रकाशित की गई लेकिन अभी तक अधिकारियों के कानों में जू तक नही रेंग रहा है। आखिर क्या इसी तरीके से उ०प्र० की सरकार का असर इन अधिकारियों पर नही पड़ता इनको कोई भय नही रह गया आखिर इस पर विचार क्यों नही किया जा रहा है इन समस्यओं का समाधान एक तरफ जिलाधिकारी ने आदेश कर दिया कि कही भी अनाधिकृत कब्जे बाले को बक्सा नही जाएगा।
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