महाशिवरात्रि के पर्व पर जीवेश्वर धाम में विशाल मेला व रामलीला का आयोजन
महाशिवरात्रि के पर्व पर जीवेश्वर धाम में विशाल मेला व रामलीला का आयोजन
उत्तरप्रदेश न्यूज़21
संपादक-आदित्य शर्मा
सहार:-जीवेश्वर धाम में महाशिवरात्रि का महापर्व पर विशाल मेले व रात्रि में रामलीला का आयोजन किया जाना है इस बार मेला 2 दिन तक चलेगा इस बार अद्भुत व दुर्लभ संयोग लेकर आया है। कई साल बाद इस बार आनंद सिद्ध योग में पड़ने वाला महाशिवरात्रि पर्व
भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से किए गए कार्य अच्छे हो जाएंगे। ज्योतिष विद्वानों का मत है कि इस बार शिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव की उपासना का विशेष संयोग है। जो सुख समृद्धि देने वाला है। 21 फरवरी को आनंद योग पड़ने से साधक को सुख-समृद्धि के साथ हर एक बांधा दूर होकर मनवांछित फल की प्राप्ती होगी।देवाधिदेव महादेव का पावन पर्व महाशिवरात्रि शुक्रवार को पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। शिवालयों में हर-हर महादेव का स्वर गुंजायमान होगा। इस दिन अलग-अलग मनोकामना की सिद्धि के लिए अलग-अलग पूजन का विधान है। आज ही के दिन भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह भी हुआ था। आज के ही दिन महादेव ने सृष्टि की रक्षा के लिए समुद्र मंथन से निकले विष का पान भी किया था। इच्छित वर की प्राप्ति के लिए कन्याएं इस
दिन व्रत-पूजन करती हैं। आचार्य जी ने बताया हैं कि 21 फरवरी को पड़ने वाला महापर्व शिवरात्रि इस बार अछ्वुत दुर्लभ संयोग से युक्त है। जो 59 साल बाद बना है। ऐसा संयोग फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि जो सांय काल 5:17 मिनट तक है। इसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जा रही है। उन्होंने बताया कि यदि किसी के जन्मकुंडली में काल सर्प योग है तो वह शिव मंदिर में सर्पनाग सोने अथवा चांदी का बनवाकर सिर से उतार कर शिवलिग पर चढ़ाएं। सफेद चंदन, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाते हुए विधि-विधान से पूजा करने पर दोष से मुक्त हो जाएंगेजीवेश्वरधाम मेले कमेटी में मेला व रामलीला का आयोजन
जीवेश्वर धाम में महाशिवरात्रि महापर्व पर शुक्रवार को भव्य मेला व रामलीला। मेला आयोजक सवर्नसमाज सेवा संस्थान से प्रदेश अध्यक्ष विकाश त्रिपाठी ने बताया कि यह मेला विगत 42 वर्षाें से शिव मंदिर पर लगता आ रहा है। शिवरात्रि के दिन सर्वप्रथम गणेश का स्मरण करके शिवालय या घर में शिवलिग के सन्मुख व्रत का संकल्प करें। रात भर जागने से भगवान शंकर की अनुकंपा अवश्य प्राप्त होती है। पुराणों के अनुसार प्राचीनकाल में राजा भरत, हरिश्चंद, माता लक्ष्मी सरस्वती, पार्वती आदि देवियों ने भी शिवरात्रि व्रत का श्रद्धापूर्वक पालन किया था। भगवान भोलेनाथ को फूल,भांग, चंदन, धतूर आदि से पूजन किया जाता है। इस साल व्रत रहने से कुंवारियों के लिए विवाह का सुयोग बन रहा है।
मेले कमेटी में विकाश त्रिपाठी,योगेश त्रिपाठी,पंकज तिवारी,ब्रम्ह कुमार तिवारी,डॉ विनोद त्रिपाठी,अटल बाजपेयी,अशोक कुमार शर्मा,प्रदीप तिवारी,बेंचेलाल सविता,गुड्डू तिवारी,कुलदीप तिवारी,महेश तिवारी, अंकित तिवारी व समस्त क्षेत्रीय सम्मानित जनता का सहियोग रहा
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