जिंदगी के मकसद को तलाशिए तकदीर बदल जाएगी
जिंदगी के मकसद को तलाशिए तकदीर बदल जाएगी.........
उत्तर प्रदेश न्यूज़ 21
उप संपादक अनुराग सिंह औरैया-(यू०पी०)
जिंदगी के मकसद को तलाशिए तकदीर बदल जाएगी.........
इंसान की जिंदगी एक क्रिकेट गेम की तरह है । जिसके अपने कुछ नियम और कायदे है । जिस तरह से क्रिकेट का नियम होता है । ठीक उसी तरह से जिंदगी के नियम भी है । एक बड़ा से प्ले ग्राउंड (धरती) जहां पर कुछ खिलाड़ी खेलने के लिये उतरते है । (यानि की हम इंसान) इस ग्राउंड पर आपको खेलने के लिए कुछ ओवर मिले हुए है । (आपकी सांसे, वक्त यानि की जिंदगी) अगर आप खेलेंगे तब भी खेल खत्म होगा और नहीं खेलेगे तब भी ओवर खत्म होगा । यह आप को तय करना है कैसे खेलना है । पूरी तरह से आपको तय करना है । क्या आप पूरी पारी खेलना चाहते है या बिना कोई रिकार्ड बनाये आउट होना चाहते है। अगर आप सम्भल कर सावधानी पूर्वक रणनीती बनाकर खेलेगे तभी आप पूरा ओवर खेल सकते है वर्ना रन आउट, हिट विकेट, कैच आउट होने की सम्भावना पूरी होती है । एक गलत श़ॉट और खेल खत्म …या फिर निसक्रियता के साथ पिच पर खड़े रहेंगे तब भी ओवर खत्म होगा । खेल तो खत्म होना है । अब यह आप को तय करना है कि कैसे खेलना है ? जो लोग इस खेल को समझ जाते है । वह अपने जिंदगी का सही मकसद ढूँढ़ लेते है लेकिन जो लोग अंत तक भटकते रहते है वह बाद में सिर्फ भाग्य को कोसते है । आपको यह तय करना होगा की अगर आपने धरती पर जन्म लिया है । तो उस जन्म लेने के पीछे वजह क्या है ।क्या आप सिर्फ धरती पर इसलिए पैदा हुए है कि काम करे खाये , पीये और एक दिन दुनियां से चले जाये । नही, जिंदगी का मकसद ये कत्तई नहीं हो सकता है ।मैं कुछ दिन पहले दो तरह के लोगो से मिला । जिसके पास खूब पैसा और संसाधन था लेकिन उसके बाद भी वह खुश नहीं था । मैंने पूछा आखिर बात क्या है तुम क्यो परेशान हों ?तो वह कहता है कि जिंदगी में मजा नहीं आ रहा है । मेरे पास सब कुछ है लेकिन फिर भी किसी चीज की कमी खल रही है ।वही दूसरे से मिला जिसके पास पैसा कम था लेकिन वह खुश बहुत था जब मैंनें उससे पूछा हूं कि आखिर इतने कम संसाधन में भी आप खुश कैसे है तो वह कहता है कि दुखी होने के लिए उसके पास वक्त नहीं है ।दरअसल दोनो में फर्क बस इतना था कि एक के पास जीने का मकसद था और दूसरा बस ऐसे ही जिये जा रहा था । जब आप ऐसे ही जीये जाते है तब ये समस्या होती है कि आप है कौन ? और आप धरती पर क्यो आये है ? इसका जवाब अगर मिल गया तो जिंदगी की यात्रा आसान हो जाती है ।यह जान लीजिए कि धरती पर हर इंसान कुछ न कुछ खास विशेषता के साथ पैदा होता है और उसी के साथ भगवान उसे जीने का मकसद भी देते है । जो लोग उसे जान लेते है वह तो अपनी जिंदगी आसान बना लेते है लेकिन जो नहीं जान पाते वह पूरी उम्र भटकते रहते है । और अपने अंत समय में यही कहते है कि हमने पूरी जिंदगी तो जी लिया लेकिन मजा नही आया ।अब आप तय कर लीजिए की आपके जिंदगी का मकसद क्या है क्या किसी खूबसूरत डेस्टीनेशन को तय करके जिंदगी का सफर तय करना चाहेगे या फिर ऐसे ही कही निकल जायेगे । यह फैसला आपके हाथ है।
उत्तर प्रदेश न्यूज़ 21
उप संपादक अनुराग सिंह औरैया-(यू०पी०)
जिंदगी के मकसद को तलाशिए तकदीर बदल जाएगी.........
इंसान की जिंदगी एक क्रिकेट गेम की तरह है । जिसके अपने कुछ नियम और कायदे है । जिस तरह से क्रिकेट का नियम होता है । ठीक उसी तरह से जिंदगी के नियम भी है । एक बड़ा से प्ले ग्राउंड (धरती) जहां पर कुछ खिलाड़ी खेलने के लिये उतरते है । (यानि की हम इंसान) इस ग्राउंड पर आपको खेलने के लिए कुछ ओवर मिले हुए है । (आपकी सांसे, वक्त यानि की जिंदगी) अगर आप खेलेंगे तब भी खेल खत्म होगा और नहीं खेलेगे तब भी ओवर खत्म होगा । यह आप को तय करना है कैसे खेलना है । पूरी तरह से आपको तय करना है । क्या आप पूरी पारी खेलना चाहते है या बिना कोई रिकार्ड बनाये आउट होना चाहते है। अगर आप सम्भल कर सावधानी पूर्वक रणनीती बनाकर खेलेगे तभी आप पूरा ओवर खेल सकते है वर्ना रन आउट, हिट विकेट, कैच आउट होने की सम्भावना पूरी होती है । एक गलत श़ॉट और खेल खत्म …या फिर निसक्रियता के साथ पिच पर खड़े रहेंगे तब भी ओवर खत्म होगा । खेल तो खत्म होना है । अब यह आप को तय करना है कि कैसे खेलना है ? जो लोग इस खेल को समझ जाते है । वह अपने जिंदगी का सही मकसद ढूँढ़ लेते है लेकिन जो लोग अंत तक भटकते रहते है वह बाद में सिर्फ भाग्य को कोसते है । आपको यह तय करना होगा की अगर आपने धरती पर जन्म लिया है । तो उस जन्म लेने के पीछे वजह क्या है ।क्या आप सिर्फ धरती पर इसलिए पैदा हुए है कि काम करे खाये , पीये और एक दिन दुनियां से चले जाये । नही, जिंदगी का मकसद ये कत्तई नहीं हो सकता है ।मैं कुछ दिन पहले दो तरह के लोगो से मिला । जिसके पास खूब पैसा और संसाधन था लेकिन उसके बाद भी वह खुश नहीं था । मैंने पूछा आखिर बात क्या है तुम क्यो परेशान हों ?तो वह कहता है कि जिंदगी में मजा नहीं आ रहा है । मेरे पास सब कुछ है लेकिन फिर भी किसी चीज की कमी खल रही है ।वही दूसरे से मिला जिसके पास पैसा कम था लेकिन वह खुश बहुत था जब मैंनें उससे पूछा हूं कि आखिर इतने कम संसाधन में भी आप खुश कैसे है तो वह कहता है कि दुखी होने के लिए उसके पास वक्त नहीं है ।दरअसल दोनो में फर्क बस इतना था कि एक के पास जीने का मकसद था और दूसरा बस ऐसे ही जिये जा रहा था । जब आप ऐसे ही जीये जाते है तब ये समस्या होती है कि आप है कौन ? और आप धरती पर क्यो आये है ? इसका जवाब अगर मिल गया तो जिंदगी की यात्रा आसान हो जाती है ।यह जान लीजिए कि धरती पर हर इंसान कुछ न कुछ खास विशेषता के साथ पैदा होता है और उसी के साथ भगवान उसे जीने का मकसद भी देते है । जो लोग उसे जान लेते है वह तो अपनी जिंदगी आसान बना लेते है लेकिन जो नहीं जान पाते वह पूरी उम्र भटकते रहते है । और अपने अंत समय में यही कहते है कि हमने पूरी जिंदगी तो जी लिया लेकिन मजा नही आया ।अब आप तय कर लीजिए की आपके जिंदगी का मकसद क्या है क्या किसी खूबसूरत डेस्टीनेशन को तय करके जिंदगी का सफर तय करना चाहेगे या फिर ऐसे ही कही निकल जायेगे । यह फैसला आपके हाथ है।
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