न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले है
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या के राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में शनिवार (9 नवंबर) को ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ सुबह साढ़े 10 बजे अपना निर्णय सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर आज शाम एक नोटिस जारी करके इस बारे में जानकारी दी गई है। आमतौर पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अवकाश होता है, और ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि मामले में 13 से 15 नवंबर के बीच फैसला आएगा, लेकिन अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए फैसले के लिए शनिवार की तारीख मुकर्रर की गई।
शीर्ष न्यायालय मुकदमे की समयसीमा का खासतौर पर ध्यान रखा ताकि और यह लंबा ना खिंचे। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं और संविधान पीठ के जज चाहते थे कि सुनवाई को करीब एक माह पहले निपटा लिया जाए ताकि उन्हें निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए पर्याप्त समय मिल सके
जस्टिस रंजन गोगोई ने समयसीमा निर्धारित की
गोगोई ने मामले की शुरुआत में ही राम लला विराजमान, निर्मोही अखाड़े और सुन्नी वक्फ बोर्ड का अलग-अलग समय निर्धारित किया, ताकि वे समय के भीतर अपनी दलीलें रख सकें। गोगोई ने स्पष्ट किया कि सभी पक्ष 2.77 एकड़ में फैले विवादित स्थल के मालिकाना हक पर केंद्रित अपने तर्क-दलीलें रखें।
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